Sunday, July 24, 2016

बिहार प्रवासी मलिक बया वेलफेयर आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के कोर कमेटी की बैठक।

बिहार प्रवासी मलिक बया वेलफेयर आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के कोर कमेटी की बैठक।




एस. ज़ेड. मलिक(पत्रकार) 
नई दिल्ली - ओखला के अबुल फज़ल ठोकर न० 4 के मुख्यालय "मलिक बया वेलफेयर आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया" के अध्यक्ष अब्दुल सत्तर मलिक  के निवास पर 24 जुलाई 2016 कोर कमेटी की एक बैठक का आयोजन किया गया।  जिसमे बिहार प्रवासी मलिक क़ाबिले के लोग जो इस समय दिल्ली के एन सी आर में अपनी जीविका के लिए व्यस्त अपने परिवार के साथ अपना जीवन व्यतित कर रहे हैं। जिनकी इस्थिति दैनिये है उन्हें कमेटी से जोड़ कर संभवतः हर प्रकार से मदद 

कैसे कीजिये तथा किस प्रकार से मदद के लिए धन अर्जित किया जाये और भविष्य में आपसी सहयोग के साथ साथ कैसे संगठित रखा जाये। ऐसे बिंदुओं पर गहन विचार विमर्श किया गया।  निष्कर्ष यह निकला कि दिल्ली के एन सी आर में जहाँ जहाँ भी मलिक क़बीला के लोग आबादी में यानी जहाँ जहाँ भी पांच दस घर बेस हुए हैं वहां वहां  कोर कमेटी के सदस्य जा कर उनके साथ बैठक करेंगे और उन्हें अपने आर्गेनाइजेशन कि जानकारी देंगे और उन्हें अपने आर्गेनाइजेशन के साथ जोड़ कर उनकी समस्याओं का समाधान निकालने का हर संभव प्रयास करेंगे। 
ज्ञात हो की बिहार के मलिक बिरादरी बिहार शरीफ के नालंदा ज़िला से आरम्भ हो कर संसार के कुछ देशों फैले हुए हैं यह बिरादरी अहलेबैत सूफ़ियत के एक सिमित दायरे में आते हैं जिनकी नस्ले हज़रात सैय्यद इब्राहिम मलिक ब्या(रह०) से निकलती है - वर्तमान में इस बिरादरी की इस्थिति पिछड़ी जातियों से भी बदतर है जबकि तुगलक से लेकर बहादुर शाह ज़फर के राजकाल तथा भारत के स्वतंत्रता तक इनकी ज़मींदारी बरक़रार थी स्वतंत्रता के बाद पकिस्तान बटवारे से इनकी इस्थिति दिन पार्टी दिन बिगड़ती चली गयी आज इस्थिति ऐसी होचुकी है की की बहुत से खानदान ऐसे हैं जो अपनी जातियां छुपाने पर मजबूर हैं। बहरहाल इन परिस्थितियों के मद्देनज़र इस बिरादरी के कुछ लोग मालिकों के उत्थान के लिए एक सांगठनात्मक रूप में आगे आये हैं अब देखना है की यह संगठन अपनी बिरादरी का कितना ध्यान रखती है और कितना उत्थान करती हैं। बाहर हाल इस अवसर पर कोर कमेटी के मुख्य सदस्य राई के अज़ीज़ अहमद (इंजीनियर), एरकी के  महबूब फज़ल अर्शी, नबी नगर ककराड़ के इफ्तिखार ताबिश, पिंजरांवा के सालेहीन मुहम्मद अकबर, काको के मुहम्मद वसीम, आडसर के मुहम्मद एजाज़ (इंजिनियर) और काको के एस.ज़ेड.मलिक (पत्रकार) उपस्थित थे। 
       

   

No comments:

Post a Comment

please don't forget to yo your comment on my write-up