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Saturday, October 21, 2017
Tuesday, October 17, 2017
AINA INDIA: इंडियन सोसाइटी फॉर कल्चर कॉर्पोरेशन एंड फ्रैंडशिप।...
AINA INDIA: इंडियन सोसाइटी फॉर कल्चर कॉर्पोरेशन एंड फ्रैंडशिप।...: इंडियन सोसाइटी फॉर कल्चर कॉर्पोरेशन एंड फ्रैंडशिप। (स्कॉफ) की उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी में समन्यव्या बैठक। एस. ज़ेड. मलिक (पत्र...
इंडियन सोसाइटी फॉर कल्चर कॉर्पोरेशन एंड फ्रैंडशिप। (स्कॉफ)







की उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी में समन्यव्या बैठक।
एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)
बाहरी दिल्ली - विश्व में मानवता त्राहि के भयावः उठने वाले तूफ़ान के मद्देनज़र "इंडियन सोसाइटी फॉर कल्चर कॉर्पोरेशन एंड फ्रैंडशिप" (स्कॉफ) ने पिछले दिनों 15 अक्टूबर 2017 को उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी में भारत की सांस्कृति तथा सभ्यता को बचाने के प्रति जागरूक करने के संदर्भ में एकता सुधार समिति की अध्यक्षा श्रीमती नर्गिस खान तथा वंदना फाउण्डेशन की चेयरपर्सन वंदना खुराना ने समन्यव्या संगोष्ठी का आयोजन किया।
इस अवसर पर "स्कॉफ" के राष्ट्रिय अध्यक्ष पूर्व सांसद श्री अज़ीज़ पाशा (हैदराबाद) ने इस बैठक की अध्यक्षता की , उन्होंने स्कॉफ की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा की यह संस्था 1925 से अबतक अपने पडोसी देशों से साथ सौहार्दपूर्ण आपसी रिश्तों का समन्यवया बनाने का कार्य रही है , उन्हों कहा की पकिस्तान , बंगला देश , नेपाल , चीन , क्यूबा , और रूस के साथ इस संस्था ने हमेशा आपसी सहयोग और बेहतर संबंधों के प्रति सजगपूर्ण अग्रसर रही है - इन देशों के बीच अपनी सभ्यता और सांस्कृति के मूल अधिकारों के तहत एक दूसरे का रिश्ते को मज़बूत और सुदुढ़ बनाने का काम किया है। उन्होंने भारत के हर राज्यों में स्कॉफ के विस्तार की कामना करते हुए वहां उपस्थित श्रोताओं से स्कॉफ से जुड़ने का आग्रह करते हुए निवेदन किया की जहांगीरपुरी में भी आप लोग स्कॉफ की एक कमिटी गठित कर अपनी सभ्यता सांस्कृति तथा आपसी भाईचारे को बज़बूत बनायें। वहीँ इस सभा में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित स्कॉफ सचिव कॉमरेड श्री विजय कुमार जी , एवं राष्ट्रिय सचिव एवं आंध्रप्रदेश अध्यक्ष श्री टी. एस. सुमारन ने भी अपने वक्तव्य दिए तथा विशेष अतिथि श्री रोशन लाल अग्रवाल सामाजिक आर्थिक न्याय विचारक एवं विश्लेषक ने इस अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए कहा की विश्व में इस समय भयावः गरीबी और बेरोज़गारी फैली हुयी है जिस के कारण हर जगह महामारी फैली हुयी है यह आज की परिस्थिति का सबसे सबसे भयानक परिदृश्य है जो बहुत ही गंभीर समस्य है उन्हों ने इस समस्या का समाधान बताते हुए कहा की मुठी भर लोगों के हांथों में विश्व की सारी सम्पदा बंद है मुठ्ठी बार लोग ही विश्व की सारी सम्पदा के मालिक हैं बाक़ी सभी व्यक्ति गुलाम हैं। इस से छूतरा पाने के लिए एक ही रास्ता हैं - वह है आर्थिक क्रांति जो सभी को आर्थिक गुलामी से मुक्ति दिलायेगी तभी हम अपनी सभ्यता और सास्कृति को बचा पाएंगे , उन्होंने कहा की सर्कार ने भारत की जनता को मुर्ख समझते हुए गरीबी रेखा खींच कर गरीब और मध्य आये स्त्रोत को लोगों को एक सिमित दायरे में बाँध कर गुलामी करने पर मजबूर कर दिया है - इसका बस एक ही समाधान है " अब गरीबी नहीं अमीरी रेखा बनाना होगा , केवल संपत्ति पर सरकार टेक्स लगाए बाक़ी सभी टेक्सों को समाप्त कर दे। केवल संपत्ति कर ही सरकार को इतना लाभ मिलेगा की सरकार प्रति व्यक्ति को 10 ,000 रु ० पार्टी मांह जीवन से मिर्तुयु तक देके के बावजूद सरकारी महकमे के सारे खर्चे आराम से निकाल कर इतना बचत होगा की सरकार दूर देशों को भरपूर क़र्ज़ भी दे सकती हैं।
इस अवसर पर पत्रकार एस. जेड. मलिक में सभा का संचालन किया तथा स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद उस्मानी , तथा अनीस मुहम्मद, हसन अकबर अध्यक्ष जनमानस सोसाइटी एवं अनीस फात्मा अध्यक्ष "राइटवे" ने भी इस सभा को सम्बोधित किया।
Sunday, October 1, 2017
सौहार्दपूर्ण भारत के विकास के लिए कुछ सरल और सहज उपाये ।
एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)
यदि भारत सरकार भारत के विकास के प्रति वकाई ईमानदार है। तो उन्हें तीन महत्वपूर्ण कार्य करने होंगे। पहला - सम्प्रदाइकता जैसी कैंसर की बिमारी का नियमित और स्थायी रूप से इलाज करना होगा। उसके लिये उन्हें जिस क्षेत्र में सम्प्रदायिक दंगे हुए हैं या सम्प्रदायिकता उन्माद बढ़ाया जा रहा है उन क्षेत्रों में सांसद , विधायक, और क्षेत्र का निगम पार्षद या मुख्या हो उनके साथ क्षेत्र के डीएम , एस पी , को ज़िम्मेवार मानते हुये उन पर ही पूर्णरूप से ऐसी कार्यवाई हो जिस से उनको दोबारा दुर्भावनापूर्ण बदला लेने के लिए फिरसे किसी दूसरे क्षेत्र में काम करने का अवसर न मिले। यानी उनको उनके पद से स्थायी रूप बर्खास्त कर उन्हें कम से कम 12 वर्ष की कड़ी सजा दी जाये। एक बार करेंगे सम्पूर्ण राज्य सतर्क रहेगा। दुबारा गलती करने की हिम्मत नहीं करेगा।
दुसरा - हर युवा वर्ग जो आर्थिक दृष्टिकोण से कमज़ोर की पहचान कर दलितो (शोषित) ब्राह्मण , मुस्लिम पिछड़े तथा अति पिछड़ी जातियों के घरों को चिन्हित कर उन घरों से कम से कम एक युवा को , जो जिस योग्य है उसे चपरासी से लेकर क्लर्क और बड़ा बाबू तक की सरकारी नौकरी दिया जाये जिस में युवा वर्ग व्यस्त हो जायेंगे।
तीसरा - भारत के हर गाँव में ग्रामं विकास योजना के अंतर्गत हर गांव में ग्रामीण किसान विकास समिति बनाया जाय जिसमें स्थानीय ग्रामीणों के साथ साथ एक स्थानीय एनजीओ और सरकारी ब्लॉक पदाधिकारी एवं स्थानीय सरकारी कर्मचारि हो उसमे कोई भी राजनितिक व्यक्ति जो किसी पार्टी से जुड़ा हुआ है और जनता द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि जैसे मुख्या , विधायक, सांसद न हों यह समिति ऐसे लोगों से मुक्त रखना होगा , उस समिति के द्वारा एक " किसान राहत कोष " बनाया जाये , उस राहत कोष में केंद्र एवं राज्य सरकार किसानों को राहत देने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी के साथ लोन देने का प्रावधान रखे। इन्हे 50 हज़ार से लेकर 5 लाख रूपये तक तक देने का प्रावधान रखना होगा ताकि सरकार को लेने में और किसान को देने में दिक्कत न आए। दूसरे - किसान जो भी उत्पादन करे उसे "किसान विकास समिति" डीएम और ब्लॉक पदाधिकारी के निगरानी में सरकार सीधे खेत से किसानों से उत्पादन को खरीद कर एफ सी आई के गोडाउन में रखे और वहां से उसे सीधे अढ़ातिओं को बेचे इससे बिचौलियों दलालों का वर्चस्व समाप्त हो जाएगा और किसानो को तथा अढ़तियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा तथा सरकारी खज़ाना भी भरेगा और किसान आसानी से टेक्स के दायरे में आसकेँगे। सरकार को इसका काफी बड़ा लाभ मिलेगा।
01/10/2017
2:28,PM- complete.
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