Thursday, June 11, 2020

वर्तमान सत्तारूढ़ संघ समर्थित केंद्र सरकार ने बेशर्मी की हद पार करदी

वर्तमान सत्तारूढ़ संघ समर्थित केंद्र सरकार ने बेशर्मी की हद पार करदी - गुलाम मानसिक तौर पर बीमार जनता अपाहिज बानी उसे मूकदर्शक बानी देखती रही।

एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)

वाह ! कमाल है , केंद्र की सत्तारूढ़ मनुवादी संघी सरकार बिहार चुनाव प्रचार में बिहार के ग्रामीणों को अपने मन की बात सुनाने के लिए ग्रामीण क्षत्रों में 144 करोड़ रूपये की "एलईडी"  लगवा कर गृहमंत्री बिहार वासिओं को अपने मन की बात सूना जाते हैं और गुलाम मानसिक तौर पर बीमार जनता अपाहिज बानी उसे मूकदर्शक बानी सुनती और देखती रही। शायद अब भारत में लोक तंत्र की शक्ति क्षिन्न - भिन्न हो गयी है इसलिए जनता शायद अपनी औक़ात समझ चुकी है की भारत में अब 2000 साल पीछे का सामंतिओं का साशन काल दुबारा लौट आया हैं इस लिए चुप रहना मुनासिब है इसलिए की सीएए, एनआरसी, एनआरपी का विरोध करने वालों का का अंजाम भारत की आम जनता देख लिया है इस लिए अब शायद केंद्र सरकार के हर अत्यचार को सहना जनता की मजबूरी बन गई है।
      इसी लिए कोवित 19 कोरोना के आपदा काल के दौरान जब केंद्र सरकार ने अपनी जनता से कोविट 19 कोरोना वाइरस के भारत आगवन पर अपनी जनता से पहलीबार थाली और ताली बाजवा कर स्वागत करवाया था और जनता ने ना चाहते हुए बह भी हँसते हँसते हुये तालिया और थालियां बजाती रही ,   लॉकडाउन में फंसे परीशान गरीब मज़दूरों के लिए राशन , व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार के पास कोई पैसा नहीं था ? पैदल चलने के लिए मजबूर हुए परीशान गरीब मज़दूरों के लिए उनके घर तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार के पास न बस की सुविधा न रेल की सुविधा दिया, 8 दिनों तक गरीब मज़दूर महाराष्ट्र , गुजरात, कर्नाटका , आन्ध्राप्रदेश, तेलंगाना, जब तक          

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