Tuesday, October 6, 2020
नवादा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बिहार मलिक ग्रुप की ओर से “मलिक समन्वय एवं मौजूदा दौर में शिक्षा का महत्व और इसकी जरुरत”* पर सेमीनार।
नवादा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बिहार मलिक ग्रुप की ओर से “मलिक समन्वय एवं मौजूदा दौर में शिक्षा का महत्व और इसकी जरुरत”* पर सेमीनार।
नवादा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बिहार मलिक ग्रुप की ओर से “मलिक समन्वय एवं मौजूदा दौर में शिक्षा का महत्व और इसकी जरुरत”* पर सेमीनार।
Sunday, October 4, 2020
नवादा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बिहार मलिक ग्रुप की ओर से "मलिक समन्वय एवं मौजूदा दौर में शिक्षा का महत्व और इसकी जरुरत"* पर सेमीनार।
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी के साथ भाजपा का रवैया इस समय दुर्भावनापूर्ण है-शिव भाटिया (वरिष्ठ कांग्रेस नेता)
यूपी में भढ़ता आरक्जकता और जंगल राज का कारण क्या है - 48 घंटे के अंदर दुसरा काण्ड-ज़िम्मेदार कौन ?
एस. ज़ेड मलिक (पत्रकार)

उन्होंने ने कहा की 19 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म के बाद बर्बरतापूर्ण हत्या ने दिल्ली का निर्भया काण्ड की याद ताज़ा करवादी, वही मृतक पीड़िता के परिवार के बिना मर्ज़ी पुलिस-प्रशासन द्वारा आनन्-फानन में अंतिम संस्कार किया जाना, उत्तर प्रदेश पुलिस ऐसी हरकत कई गंभीर प्रश्नों को जन्म देता है। यह पूरी तरह साजिश दिखाई दे रही है उत्तरप्रदेश सरकार मुजरिम को बचान चाहती है।
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के कई नेता गुरुवार को हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से मिलने लिए
हाथरस जा रहे थे। पुलिस ने सबको ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर ही जबरन यानी विशेष कर जिस प्रकार से राहुल गांधी को कॉलर पकड़ कर रोका गया वह किसी भी पार्टी के नेताओं के लिए भी अशोभनीय होगा। विशेष कर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ यह रवैया दुर्भावनापूर्ण है। स्पष्ट यह भाजपा द्वारा जान बुझ कर इस प्रकार का द्वेषित व दुर्भावनापूर्ण रवैया यूपी पुलिस को निर्देश जारी किये गए हों ? यह देश के लिए दुर्भाग्य है। यदि भाजपा 1975 के आपातकाल का बदला आज स्वर्गीय इंद्रागांधी के परिवार राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेना चाहती है तो यह देश के लिए इससे बड़ा और दुर्भाग्य नहीं हो सकता।
से अधिक हो गया है। तो वहीं, प्रियंका गांधी की पत्नी का नाम रॉबर्ट वाड्रा लिखा गया है। गलती पता चलने के बाद पुलिस अब इसमें सुधार की बात कह रही है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के कई नेता गुरुवार को हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे। पुलिस ने सबको ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर ही जबरन यानी विशेष कर जिस प्रकार से राहुल गांधी को कॉलर पकड़ कर रोका गया वह किसी भी पार्टी के नेताओं के लिए भी अशोभनीय होगा विशेष कांग्रेस यह रवैया दुर्भावनापूर्ण है। स्पष्ट यह भाजपा द्वारा जान बुझ कर इस प्रकार का द्वेषित दुर्भावनापूर्ण रवैया यूपी सरकार का एक हिस्सा हो सकता है। यूपी सरकार निंन्दा एवं भर्तसना की जाए वह कम ही है।
रख सरकार व प्रशासन की लापरवाही को लेकर आक्रोश जताया। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता एकजुट होकर प्रदर्शन व नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर जोरदार प्रदर्शन कर सरकार विरोधी नारेबाजी की। हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर भारी मात्रा में पुलिस फ़ोर्स पहुंची और प्रदर्शनकारियों को हटाने लगी, लेकिन वह हटने को तैयार नहीं थे। इस पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। असलहा लेकर पहुंचा सपा नेता का सुरक्षाकर्मी गिरफ्तार लाठीचार्ज से वहां भगदड़ मच गई और इसमें कई लोग चोटिल हो गए। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकार्यों को रोका था। पुलिस ने हथियार लेकर पहुंचे सपा नेता राम सिंह राणा के निजी सुरक्षाकर्मी को गिरफ्तार किया है। वह प्रदर्शन में असलहा लेकर पहुंचे थे। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने सैकड़ों कार्यकताओं को हिरासत में लेकर बसों में भरकर इको गार्डन भेजा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए कहा कि बेटियों के सम्मान में बीजेपी मैदान में, सिर्फ चुनावी नारा साबित हुआ। प्रदेश में बेटियों को अपनी इज्जत बचाना मुश्किल हो गया है। प्रदर्शन में सपा नेता रविदास मेहरोत्रा सहित तमाम अन्य नेता और पदाधिकारी पहुंचे थे इस दौरान शहर के मुख्य चौराहे की यातायात व्यवस्था चौपट हो गई।
Friday, October 2, 2020
यूपी में भढ़ता आरक्जकता और जंगल राज का कारण क्या है ज़िम्मेदार कौन ?
यूपी में भढ़ता आरक्जकता और जंगल राज का कारण क्या है - 48 घंटे के अंदर दुसरा काण्ड-ज़िम्मेदार कौन ?
धारा 144 लागू होने की बात कहते हुए राहुल को यूपी पुलिस द्वारा कॉलर पकड़ कर आगे जाने से रोका गया-कांग्रेसियों पर दर्ज हुई इस एफआईआर, यूपी पुलिस-प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार किए जाने की पर राजनीतिक गरमाई। यूपी में भढ़ता आरक्जकता और जंगल राज का कारण क्या है ज़िम्मेदार कौन ? सरकार द्वारा जान बुझ कर बढ़ावा दिया जा रहा या योगी सरकार यूपी को संभालने में पूरी तरह से फेल्योर हो चुकी है ?
एस. ज़ेड मलिक (पत्रकार)
नोएडा - गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा में ईकोटेक वन पुलिस स्टेशन में 153 काँग्रेसियों के नामजद किये गए, जबकि 50 के खिलाफ अज्ञात के नाम पर मामला दर्ज हुआ। हालांकि, कांग्रेसियों पर दर्ज हुई इस एफआईआर की कॉपी को लेकर नोएडा पुलिस के किर्याक्लापों तथा यूपी पुलिस के साक्षारता पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल एफआईआर में 'प्रियंका गांधी को रॉबर्ट वाड्रा का पति' लिख दिया गया था, राहुल समेत 203 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था।
भारत का संविधान राजनितिक खिलौना या भारतीय नागरिकों का मौलिक अधिकारिक प्रावधान ?
भारत का संविधान राजनितिक खिलौना या भारतीय नागरिकों का मौलिक अधिकारिक प्रावधान ?
मोदी सरकार-वर्ष 1975 में देश में घोषित आपाताकाल वाले 10 मौलिक कर्तव्यों को दोबारा वापस लाने की कवायद में जुट गई

Sunday, September 27, 2020
सऊदी अरब के जद्दा में एक बार फिर से भारतीय वाणिज्य दूतावास के प्रांगण से भ्रष्टाचार की महक?
सऊदी अरब के जद्दा के भारतीय स्कूलों में भारतीय वाणिज्य दूतावास के निगरानी में अत्यंत महँगे 'तालीमि प्रॉजेक्ट ' सॉफ्टवेयर' जबरन थोपा गया
अत्यंत महँगे 'तालीमि प्रॉजेक्ट ' ( एक प्रकार का सॉफ्टवेयर ) स्कूलों पर थोपने का विरोध करने पर , इंटरनेशनल इंडियन स्कूल- जेद्दा के चेयरमैन एवं सदस्यों प्रबंधकीय समिति से निकाला गया !

In the Indian Embassy in Saudi Arabia, only those who expose corruption get punished?
In the Indian Embassy in Saudi Arabia, only those who expose corruption get punished?
The chairman and members were fired for opposing the very expensive 'training project' - the case of the training software. Scam or fanatic?
S. Z. Mallick(freelancer Journalist)
New Delhi - The courtyard of the Indian consulate in Jaddah, Saudi Arabia is once again experiencing corruption, a case of a highly expensive "training software", which was forcibly imposed by the Indian embassy in the Indian international schools in Saudi Arabia without passing a tender. But the current

Tuesday, September 22, 2020
दिल्ली सरकार अपनी शिक्षा नीति सुनिश्चित करे ।
दिल्ली सरकार अपनी शिक्षा नीति सुनिश्चित करे ।
क्या अब गरीब पीछड़ी जाती और अल्पसंख्यको के लिये दिल्ली में शिक्षा लेना दूभर हो जाएगा ?
एस. ज़ेड.मलिक(पत्रकार)
नई दिल्ली - सीबीएसई की सरकारी स्कूलों पर अचानक तीनगुना फीस का हथौड़ा, दिल्ली सरकार की यह शिक्षा नीति है? सरकारी स्कूलों में विशेष कर इस महामारी और बेरोज़गारी में ₹-1800 फीस क्यूँ ? गरीब कहां से देगा ? एक तो 6 महीने से लोकडॉन, उसपर से लोकडॉन में काम समाप्त, रोजगार समाप्त, लोग आत्महत्या करने पर माजबूर । उसपर से शिक्षा पर लगी उम्मीदों पर पानी फेरने वाली बात, एक कहावत याद आ गयी " की न बच्चा आग कहे न सोना होय" यदि नौ महीने की भी फीस सरकार लेती तो ₹-360 होता है,और यदि सीबीएसई एक्ज़ाम का जोड़ दें तो बहुत अधिक वसूल करें तो ₹ 600, उसमे और जोड़ दे, तो भी ₹ 900 होता है ।
जबकि पिछले साल दिल्ली सरकार ने एक्ज़ाम फीस माफ़ कर दिया था तो क्या पिछले वर्ष का जोड़ कर इस वर्ष वसूल कर रही। जबकि कोरोना महामारी से सम्पूर्ण विश्व अस्त-व्यस्त हो गया , भारत जैसे देश मे बेरोज़गारी इस महामारी में 67 % बढ़ कर अपनी चरम सीमा लांघ चुकी है। लोग आत्महत्या करने पर माजबूर हो रहें, जिस व्यक्ति व्यक्ति के पास खाने के लिए रोटी के पैसे कमाना इस समय कठिन हो रहा है उसके बच्चों को ऑनलाइन क्लास लेने के लिए सरकार ने फरमान जारी कर एक अलग खर्चे का बोझ लाद दिया जो की पूरा करने असमर्थ है। वह अपने बच्चों को क्लास करवाने के लिए अब एक अलग से मोबाईल खरीद कर दे तो वह बच्चा क्लास कर पायेगा अन्यथा अपने क्लास ज्वाइन करने से वंचित रह जाएगा।
ऐसे में किसी भी सरकार को अपनी जनता को राहत देनी चाहिये न कि इन गरीबों से अवसर का लाभ उठाना चाहिये। क्या अब गरीबो, पीछड़ी , अल्पसंख्यकों का सरकार शिक्षा का अधिकार समाप्त कर देगी ? दिल्ली सरकार ने क्या इस साल से गरीब पीछड़ी, अल्पसंख्यकों के शिक्षा को समाप्त करने का पहल कर दिया है ? क्या दिल्ली सरकार ने केंद्र की नई शिक्षा नीति दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लागू कर दिया है ? दिल्ली सरकार को स्पष्ट करना होगा। चूंकि स्कूलों से बच्चों को उनके अभिभावकों के वाट्सएप्प पर यह सूचना भेजा गया है जो नीचे दर्शाया जा रहा है। दिल्ली की जनता फैसला कर करे और सरकार से पूछे तथा दिल्ली सरकार अपनी शिक्षा नीति सुनिश्चित करे।
*आवश्यक सूचना*
*सभी बच्चे बुधवार को अपने पेरेंट्स को स्कूल भेज दें...*
*मेंटल मैथ्स की किताब अाई हैं...* *वो लेने के लिए...*
*और**सभी बच्चों को अगले सोमवार तक*
*10 *वीं क्लास* *की cbse की फीस जमा करवानी है**
*SC बच्चों को 1500 रुपए**
*और बाकी सभी बच्चों को 1800 रुपए देने है..*
Sunday, September 20, 2020
Wednesday, September 16, 2020
यूएस, की मल्टीनेशनल कंपनी पेप्सिको को भारत मे हैदराबाद न्यायालय द्वारा झटका ;
यूएस, की मल्टीनेशनल कंपनी पेप्सिको को भारत मे हैदराबाद न्यायालय द्वारा झटका - पेप्सिको का दावा खारिज किया ।
Tuesday, September 15, 2020
*इंजीनियर डे की हार्दिक शुभकामनाएं l*
ईश्वर ने हम सबको इंसान को बनाया है और हम वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित सिद्धांतों का उपयोग कर प्रकृति शासीत कानूनों का फायदा उठाते हुए मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए हम मनुष्यों की सुविधा के अनुसार इस सन्सार को बनाना है। इसी लिए हम सब का कर्तव्य है कि एक राष्ट्र निर्माता के रूप में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए अपनी सृजनात्मक सोच और कडी मेहनत से राष्ट्र के निर्माण में देश व समाज को तकनीक के क्षेत्र में एक नई दिशा देकर इनोवेटिव तरीकों से आम जनता के जीवन को बेहतर बनाने एवं नया भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए l
राजद के रीढ़ समाजवादी नेता को काको में भावभीनी श्रद्धानजली।
राजद के रीढ़ समाजवादी नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व, श्री रघुवंश बाबू को काको में भावभीनी श्रद्धानजली।
बीते 5 साल में माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी समेत 38 लोग देश छोड़कर भागे, वित्तमंत्री सीतारमण ने संसद में दी जानकारी।
नईदिल्ली - मानसून सत्र के पहले दिन के पहले सम्बोधन में वित्त मंत्रालय ने विजय माल्या,
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने शुक्रवार को भारत से लाइव वीडियो लिंक के जरिए भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में हीरा कारोबारी की ओर से गवाही दी थी, जिसको भारत सरकार की ओर से अभियोजन पक्ष ने चुनौती दी है। काटजू ने कहा था कि नीरव मोदी को भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा।
5 दिन की सुनवाई के अंतिम दिन जस्टिस सैमुअल गूजी ने काटजू की विस्तृत गवाही सुनने के बाद मामले की सुनवाई 3 नवंबर तक स्थगित कर दी, तीन नवंबर को वह भारतीय अधिकारियों द्वारा पेश सबूतों की स्वीकार्यता से संबंधित तथ्यों पर सुनवाई किया जाएगा।
Monday, September 14, 2020
चीन के मुद्दे पर संसद की रक्षा मामलों की समिति की बैठक।
चीन के मुद्दे पर संसद की रक्षा मामलों की समिति की बैठक।
राहुल गांधी ने रक्षा मामलों की समिति की बैठक में उठाये सवाल -जवानों और अधिकारियों के खाने में अंतर क्यों?
लॉकडाउन के कारण से औद्योगिक उत्पादन में 10.4 फीसदी का घटा।
लॉकडाउन के कारण से औद्योगिक उत्पादन में 10.4 फीसदी का घटा।

Sunday, September 13, 2020
कोविड-19 एक गलोबल घोटाला है।
कोविड-19 एक गलोबल घोटाला है।
लोग असल में "ऐमप्लीफाईड गलोबल 5G इलैक्ट्रोमैगनेटिक रेडिएशन ज़हर" के कारण मर रहे हैं ?
दिल्ली : इटली के स्वस्थ्य मंत्रालय के वेब साईट के हवाले से - इटली विश्व का पहिला देश बन गया है जिसनें एक कोविड-19 से मृत शरीर पर अटोप्सी (postmortem) का आयोजन किया है, और एक व्यापक जाँच करने के बाद उन्हें पता चला है कि एक वाईरस के रूप में कोविड-19 मौजूद नहीं है, बल्कि यह सब एक गलोबल घोटाला है। लोग असल में "ऐमप्लीफाईड गलोबल 5G इलैक्ट्रोमैगनेटिक रेडिएशन ज़हर" के कारण मर रहे हैं।
इटली के डॉक्टरस ने विश्व सेहत संगठन (WHO) के कानून की अवज्ञा की है, जो कि करोना वाईरस से मरने वाले लोगों के मृत शरीर पर आटोप्सी (postmortem) करने की आज्ञा नहीं देता ताकि किसी तरह की विज्ञानिक खोज व पड़ताल के बाद ये पता ना लगाया जा सके कि यह एक वाईरस नहीं है, बल्कि एक बैक्टीरिया है जो मौत का कारण बनता है, जिस की वजह से नसों में ख़ून की गाँठें बन जाती हैं यानि इस बैक्टीरिया के कारण ख़ून नसों व नाड़ियों में जम जाता है और मरीज़ की मौत का कारण बन जाता है।
***** इटली ने दिखावे के लिए covid-19 को हराया है, जो कि "फैलीआ-इंट्रावासकूलर कोगूलेशन (थ्रोम्बोसिस) के इलावा और कुछ नहीं है, और इस का मुक़ाबला करने का तरीका आर्थात इलाज़........
***ऐंटीबायोटिकस (Antibiotics tablets}
***ऐंटी-इंनफ्लेमटरी ( Anti-inflamentry) और
***ऐंटीकोआगूलैटस ( Aspirin) के साथ हो जाता है।
यह संकेत करते हुए कि इस बिमारी का इलाज़ ही नहीं किया गया था, विश्व के लिए यह संनसनीख़ेज़ ख़बर इटालियन डाक्टरों द्वारा so-called covid-19 की वजह से तैयार की गई लाशों पर आटोप्सीज़ (postmortem) करवा कर तैयार की गई है। कुछ और इतालवी रोग विज्ञानियों के अनुसार वेंटीलेटरस और इंसैसिव केयर यूनिट (ICU) की कभी ज़रूरत ही नहीं थी। इस के लिए इटली में प्रोटोकॉल की तबदीली शुरू हुई, इटली में एक बुलाया गलोबल कोविड-19 महामारी एक वाईरस के तौर पर दुबारा प्राकाशित की गई है।
WHO & CHINA पहले से ही जानते थे मगर इसकी रीपोर्ट नहीं करते थे। विश्व अब जानता है और जान गया है कि हमें अपने आप स्थापित बढ़े लोगों द्वारा तसीहे दिये गए हैं, तशद्दुद किए गए हैं और मार कुटाई की गई है।
कृपया इस जानकारी को अपने सारे परिवार, पड़ोसियों, जानकारों, मित्रों, सहकर्मीओं को दो ताकि वो कोविड-19 के डर से बाहर निकल सकें जो के एक वाईरस नहीं है जैसा कि उन्होंने हमें विश्वास दिलाया है, बल्कि एक बैक्टीरिया है जिसको असल में 5G इलैक्ट्रोमैगनेटिक रेडीयेशन
(5G Electromagnetic Radiation) द्वारा बढ़ाया गया, फ़ैलाया गया, जो इंफलामेशन और हाईपौकसीया भी पैदा करता है। जो लोग भी इस की जद में आ जायें उन्हें ये करना चाहिए कि वे Asprin-100mg और ऐप्रोनिकस यां पैरासिटामोल ले सकते हैं। कयों......??? .... कयोंकि यह सामने आया है कि कोविड-19 कया कुछ करता है: वह ख़ून को जमा देता है जिससे व्यक्ति को थ्रोमोबसिस पैदा होता है और जिसके कारण ख़ून नसों में जम जाता है और इस कारण दिमाग, दिल व फेफड़ों को आकसीजन नहीं मिल पाती इस कारण से ही व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है और सांस ना आने के कारण व्यक्ति की तेज़ी से मौत हो जाती है।
इटली के डॉक्टरस ने WHO के प्रोटोकॉल को नहीं माना और कुछ लाशों पर आटोप्सीज़ (postmortem) किया जिनकी मौत कोविड-19 की वजह से हुई थी। डॉक्टरस ने उन लाशों को काट कर देखा, उन की बाजुओं को, टांगों को, शरीर के दूसरे हिस्सों को भी खोल कर तस्सल्ली से देखने व परखने के बाद महसूस किया कि ख़ून की नसें व नाड़ियां फैली हुई हैं और नसें थ्रोम्बी से भरी हुई थी, जो ख़ून को आमतौर पर ग़र्दिश से रोकती है और आकसीजन के शरीर में प्रवाह को भी--मुख्य तौर पर दिमाग, दिल व फेफड़ों में'जिस कारण रोगी की मौत हो जाती है।इस नुकते को जान लेने के बाद इटली के सेहत-मंत्रालय ने तुरंत कोविड-19 के इलाज़ प्रोटोकॉल को बदल दिया और अपने पोज़िटिव मरीज़ो को एस्पिरिन100mg और एंप्रोमैकस देना शुरू कर दिया। *** नतीज़े.....??? मरीज़ ठीक होने लगे और उनकी सेहत में सुधार नज़र आने लगा। इटली सेहत मंत्रालय ने एक ही दिन में14000 से भी ज्यादा मरीज़ों की छुट्टी कर दी और उन्हें अपने आप घरों को भेज दिया।
सावधान :- यह हमारा फ़र्ज़ बनता है कि पूरी लोकाई की इस महामारी से जान बचाने के लिए इस जानकारी को दुनिया के हर इंसान तक पहुचाया जाये और बताया जाये कि उन्होंने (कुछ ख़ास लोगों ने) सिर्फ इटली ही नहीं बल्कि पूरे संसार के साथ झूठ बोला है और इस so-called covid-19 नाम की महामारी के रूप में हम सब पर थोपा है। दुनिया के लगभग सारे देशों के रास्ट्रीय अध्यक्ष व सर्बराह सिर्फ ये कहने के लिए कभी कभी टी वी कैमरों के सामने आते रहे हैं और आ रहे हैं केवल यह बताने के लिए कि यह कोविड-19 बहुत बड़ी महामारी है, बिना किसी ठोस सबूत या विज्ञानिक आधार के। ये सब अपने अपने तरीक़े से या WHO के आंकड़े बता रहे थे और हैं, मगर अपने अपने नागरिकों को बचाने के लिए कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं बल्कि महामारी का ख़ौफ़ दिखा कर ज़बरदस्ती लाकडाउन व कई और तरीक़े इसतेमाल कर रहे हैं। हो सकता है कि इनको ये सब करने के लिए कुछ ख़ास व कुलीन लोगों द्वारा धमकी दी जा रही हो.......??? हम नहीं जानते......???
मगर इटली ने WHO का यह नियम, यह भ्रमजाल तोड़ दिया है, कयोंकि वो पहले से ही बहुत हावी हो चुके हैं मगर अब नहीं सहन करेंगे। पूरी दुनिया में रोज़ाना होनेवाली मौतों व गिरती अर्थव्यवस्था और गंभीर आपाधापी के चलते, निश्चित तौर पर WHO के ख़िलाफ़ दुनिया भर में "क्राइम अंगेस्ट हयूमैनिटिज़" के लिए मुक़दमें किये जाने चाहीये,और दुनिया के बहुत सारे देशों की Economy Collapse के लिये भी। अब समझ में आया है कि यहां आटोमेटिक तौर पर इस बीमारी का अचानक आना व उसके उसूल तुरंत से तुरंत बनाना व हम पर थोपना और उन्हें ज़बरदस्ती मनवाने के आदेश कयों हैं। सच को बताना व फ़ैलाना हमारे अपने हाथ में है और बहुत सी जाने बचाने की उम्मीद भी है।
दिखाने के लिए महामारी इस लिये हो रही है या फ़ैलाई जा रही है कि (कुछ ख़ास कुलीन लोग) विश्व की आबादी को 60% घटाने के सपने देखते आ रहे हैं और देख रहे हैं। दरअसल इन लोगों की सोच जंगली कानून जैसी है कि अगर ख़ुद जीना है तो दूसरे को मारना या खाना पड़ेगा।
विश्व की आबादी को घटाने के बिलगेटस नैनो-टैक टीके से विश्व-व्यापक हर व्यक्ति को ज़बरदस्ती टीके लगवाना चाहते है, जिससे फंड प्राप्त होता है। बिलगेटस डैपूलेशन फांउडेशन द्वारा..... विश्व व्याप्त सैकंड़े देशों में WHO, CDC, NCDC, PTF को बिल एंड मेलिंडा गेट्स डैपूलेशन द्वारा फंड दिये जाते हैं।
इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय के हेल्थ अपडेट्स और उन के विज्ञानीओं की ख़ोज के बाद इस बारे में सच्ची जानकारी दी गई है किकहने के लिए करोना वाईरस AKA cod-19 सिर्फ न्यूज़ पेपरस , टी.वी. चैनल्स, सोशल मीडिया, सोशल साइट्स और पेजेज पर ही मौजूद है। उन उन देशों के रास्ट्रीय अध्यक्ष व सर्बराहों और ख़ुद सथापित नेताओं को जिन्होंने कोविड-19 कहलाने वाले इस शराबी झूठ पर हस्ताक्षर किए हैं उन्हें इंसानियत के विरुद्ध अपराध करने का जो घोर पाप किया है..... उन्हें दुनिया के सामने नंगा करें, अभी भी कुछ विश्व अमन के हितैषी, इंसानियत के, मानवता के मित्र लोग व नेता अपने ओहदे पद की ग़रिमा को बनाये रखने में क़ामयाब होगें व इन अपराधियों को सज़ा दिलवा कर दुनिया के सामने एक मिसाल, एक नज़ीर पेश करेंगे। साभार