यूपी में भढ़ता आरक्जकता और जंगल राज का कारण क्या है - 48 घंटे के अंदर दुसरा काण्ड-ज़िम्मेदार कौन ?
धारा 144 लागू होने की बात कहते हुए राहुल को यूपी पुलिस द्वारा कॉलर पकड़ कर आगे जाने से रोका गया-कांग्रेसियों पर दर्ज हुई इस एफआईआर, यूपी पुलिस-प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार किए जाने की पर राजनीतिक गरमाई। यूपी में भढ़ता आरक्जकता और जंगल राज का कारण क्या है ज़िम्मेदार कौन ? सरकार द्वारा जान बुझ कर बढ़ावा दिया जा रहा या योगी सरकार यूपी को संभालने में पूरी तरह से फेल्योर हो चुकी है ?
एस. ज़ेड मलिक (पत्रकार)
नोएडा - गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा में ईकोटेक वन पुलिस स्टेशन में 153 काँग्रेसियों के नामजद किये गए, जबकि 50 के खिलाफ अज्ञात के नाम पर मामला दर्ज हुआ। हालांकि, कांग्रेसियों पर दर्ज हुई इस एफआईआर की कॉपी को लेकर नोएडा पुलिस के किर्याक्लापों तथा यूपी पुलिस के साक्षारता पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल एफआईआर में 'प्रियंका गांधी को रॉबर्ट वाड्रा का पति' लिख दिया गया था, राहुल समेत 203 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था।
ज्ञात हो की 19 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म के बाद बर्बरतापूर्ण हत्या ने दिल्ली का निर्भया काण्ड की याद ताज़ा करवादी, वही मृतक पीड़िता के परिवार के बिना मर्ज़ी पुलिस-प्रशासन द्वारा आनन्-फानन में अंतिम संस्कार किया जाना, उत्तर प्रदेश पुलिस ऐसी हरकत कई गंभीर प्रश्नों को जन्म देता है फिर ऐसे में सियासत गरमाना लाज़मी है।
दरअसल कांग्रेस सांसद एवं नेता राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी लगभग 500 अपने कार्यकर्ताओं के साथ मृतक पीड़िता के परिवार से मुलने हथरस जाने के लिए नोएडा के रास्ते निकले थे। परन्तु दुर्भाग्यवष उत्तरप्रदेश पुलिस को इसकी भनक लग गई और बीच में ही नोएडा थाना के पुलिस कर्मियों ने राहुल और प्रिंका को जबरन रोक लिया और लगभग 203 लोगों के हाथरस जाने को लेकर भीड़ इकट्ठी करने के मामले में ये एफआईआर दर्ज की गई । इस एफआईआर में गलतियों की भरमार है, कॉमा-बिंदी और मात्रा की बात छोड़िये, हद तो यह है कि एफआईआर में प्रियंका गांधी की पत्नी का नाम रॉबर्ट वाड्रा लिखा गया है। इससे बड़ा उत्तर प्रदेश पुलिस के साक्ष्तकार होने प्रमाण क्या मिल सकता है।

ज्ञात हो की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 29 सितंबर, मंगलवार को हाथरस की पीड़िता लड़की की मृत्यु के पश्चात रात में ही यूपी पुलिस ने दिल्ली के अस्पताल से ले जा कर आनन्-फानन में जबरन रात में ही लड़की का दाह संस्कार कर दिया। इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि पहले आठ दिन तक पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज करने और रेप की धाराओं को उसमें जोड़ने में आनाकानी की। इसके बाद जब पीड़िता की मौत को गई तो इसी परिवार से मिलने कांग्रेस नेता जा रहे थे।गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा में ईकोटेक वन पुलिस स्टेशन में 153 नामजद, जबकि 50 के खिलाफ अज्ञात में मामला दर्ज हुआ है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस की ओर से ही ये मामला दर्ज किया गया है।

हालांकि, कांग्रेसियों पर दर्ज हुई इस एफआईआर की कॉपी को लेकर नोएडा पुलिस के सामान्य ज्ञान पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, एफआईआर में कॉपी में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष लिखा गया है, जबकि उन्हें पद छोड़े एक साल से अधिक हो गया है। तो वहीं, प्रियंका गांधी की पत्नी का नाम रॉबर्ट वाड्रा लिखा गया है। गलती पता चलने के बाद पुलिस अब इसमें सुधार की बात कह रही है। एसीपी रणविजय सिंह ने कहा कि वो टाइपिंग एरर था, उसे अब सुधार लिया गया है। बता दें, पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी और प्रियंका गांधी करीब 200 कार्यकर्ताओं के साथ हाथरस जाने के लिए डीएनडी के रास्ते नोएडा में प्रवेश किए। काफिले में शामिल सभी लोगों को धारा 144 लागू होने की बात कहते हुए आगे जाने से रोका गया, लेकिन इन्होंने नियमों को तोड़ते हुए आगे जाने की कोशिश की।इन लोगों ने धारा 144 और महामारी एक्ट का उल्लंघन किया। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के कई नेता गुरुवार को हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे। पुलिस ने सबको ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर ही जबरन यानी विशेष कर जिस प्रकार से राहुल गांधी को कॉलर पकड़ कर रोका गया वह किसी भी पार्टी के नेताओं के लिए भी अशोभनीय होगा विशेष कांग्रेस यह रवैया दुर्भावनापूर्ण है। स्पष्ट यह भाजपा द्वारा जान बुझ कर इस प्रकार का द्वेषित दुर्भावनापूर्ण रवैया यूपी सरकार का एक हिस्सा हो सकता है। यूपी सरकार निंन्दा एवं भर्तसना की जाए वह कम ही है।
हाथरस केस राहुल गाँधी समेत 203 कांग्रेस नेताओं पर एफआईआर वनइंडिया हिंदी पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि राहुल गांधी,अधीर रंजन चौधरी और प्रियंका गांधी करीब 200 कार्यकर्ताओं के साथ हाथरस जाने के लिए डीएनडी के रास्ते नोएडा में प्रवेश किए। काफिले में शामिल सभी लोगों को धारा 144 लागू होने की बात कहते हुए आगे जाने से रोका गया लेकिन इन्होंने नियमों को तोड़ते हुए आगे जाने की कोशिश की। इन लोगों ने धारा 144 और महामारी एक्ट का उल्लंघन किया। जबकि यूपी में आये दिन कहीं कही स्थानों पर भाजपा की बैठक जारी रहता है उसके बावजूद राम मंदिर के हवन के दौरान तथा लॉकडाउन के दरमियान राम लल्ला के अनेको कार्यकर्म होते रहे तन न तो कोरोना का डर लगा और न धारा 144 ही लगा लेकिन पीड़िता से कोई अन्य विपक्षी पार्टी मिलने नहीं जा सकती है यह भाजपा की हठधर्मी कहें या योगी सरकार का वर्चस्व ?
हाथरस का पूरा मामला हाथरस के चंदपा क्षेत्र में दलित लड़की 14 सितंबर को अपनी मां के साथ पशुओं का चारा लेने खेतों पर गई थी। खेत में कुछ युवकों ने उसके साथ कथित तौर पर लड़की के साथ दुष्कर्म किया और विरोध करने पर लड़की के साथ बुरी तरह से मारपीट कर उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गयी और दरिंदगी की हद पार करते हुए उसकी जीभ तक काट दी गई। वहीं प्रदर्शन करने पहुंची आप सांसद संजय सिंह की पत्नी को यूपी पुलिस गिरफ्तार कर सड़क से घसीटते हुए थाने ले गई।

दुसरी और अभी हाथरस में युवती के साथ हुई दरिंदगी का मामला से आग लगा ही हुआ है की 48 घंटे के अंदर अंदर अभी लगे बलरामपुर में छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद हत्या के विरोध में बेटी के लिए न्याय मांगने आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह की पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। महिला पुलिसकर्मी सड़क पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की पत्नी अनीता सिंह के हाथ पकड़कर रोड पर खींचती नजर आईं। वह हजरतगंज चौराहे पर सड़क पर लेट गईं तो पुलिसकर्मियों ने उड़े खींचकर बस में ले जाकर हिरासत में लिया। उनसे पूछताछ की जा रही है। संजय सिंह की पत्नी अनीता सिंह हाथरस, बलरामपुर कांड को लेकर बेटियों को न्याय के लिए प्रदर्शन करने पहुंची थी। पुलिस ने उन्हें अपनी कस्टडी में रखा है।
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज में सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया। महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर शुक्रवार सुबह समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल पर मौन व्रत रख सरकार व प्रशासन की लापरवाही को लेकर आक्रोश जताया। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता एकजुट होकर प्रदर्शन व नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर जोरदार प्रदर्शन कर सरकार विरोधी नारेबाजी की। हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर भारी मात्रा में पुलिस फ़ोर्स पहुंची और प्रदर्शनकारियों को हटाने लगी, लेकिन वह हटने को तैयार नहीं थे। इस पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। असलहा लेकर पहुंचा सपा नेता का सुरक्षाकर्मी गिरफ्तार
लाठीचार्ज से वहां भगदड़ मच गई और इसमें कई लोग चोटिल हो गए। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकार्यों को रोका था। पुलिस ने हथियार लेकर पहुंचे सपा नेता राम सिंह राणा के निजी सुरक्षाकर्मी को गिरफ्तार किया है। वह प्रदर्शन में असलहा लेकर पहुंचे थे। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने सैकड़ों कार्यकताओं को हिरासत में लेकर बसों में भरकर इको गार्डन भेजा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए कहा कि बेटियों के सम्मान में बीजेपी मैदान में, सिर्फ चुनावी नारा साबित हुआ। प्रदेश में बेटियों को अपनी इज्जत बचाना मुश्किल हो गया है। प्रदर्शन में सपा नेता रविदास मेहरोत्रा सहित तमाम अन्य नेता और पदाधिकारी पहुंचे थे इस दौरान शहर के मुख्य चौराहे की यातायात व्यवस्था चौपट हो गई।
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