Sunday, August 2, 2020

आरटीआई कार्यकर्ता डोमिनिक साइमन की गिरफ्तारी पर निंदनीय है,

कोच्ची : आरटीआई कार्यकर्ता डोमिनिक साइमन की गिरफ्तारी पर निंदनीय है, जिन्होंने विशेषकर कोविद -19 महामारी के दौरान प्रवासी केरल वासियों के लिये विमान की विशेष व्यावस्था कर उनके गंतव्य स्थानों तक सुरक्षित पहुंचाने का सराहनीय कार्य किया है।  RTI कार्यकर्ता डोमिनिक साइमन की गिरफ्तारी  केवल इसलिये किया गया कि वह सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का प्रभावी उपयोग कर लोगों को अधिकारों के बारे में शिक्षित करके उनमें जागरूकता का कार्य कर रहे थे। 

एक एड्स संस्था के विशेषज्ञ और आरटीआई कार्यकर्ता महेश विजयन कहते हैं  "साइमन हमेशा प्रवासी भारतीयों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाता था। वह केरल के पाल निवासीयों के विवारविकाशिकल आरवीआई उत्साही लोगों के एक समूह का वह सक्रिय सदस्य था, जो प्रवासी कानूनी प्रकोष्ठ के वैध सलाहकार के रूप में उसे प्रकोष्ठ की ओर से एक पुरस्कार भी दिया था। विजयन ने कहा " इस साल मई में, साइमन ने धमकी देने वाले कॉल के बारे में भारतीय दूतावास को जानकारी दे कर एक आरटीआई क्वेरी दायर की थी। लेकिन उसे कोई वैधानिक मदद नही मिला ।  

यह भारत सरकार के सरकारी तंत्र की व्यावस्था की विडंबनाआ कहे कि साइमन को 8 जुलाई को उसकी गिरफ्तारी के बाद रियाद के अल हेयर जेल में रखा जा रहा है, लेकिन उसके परिवार को भारत सरकार ने सूचित करना उचित नहीं समझा, साइमन के घर वालों को आज भी नहीं पता कि उसे क्यों उठाया गया था।
इस बाबत में साइमन के परिवार वालों ने रियाद में भारतीय दूतावास एवं केंद्रीय विदेश मंत्रालय में याचिका दायर कर साइमन की जानकारी मांगी है।

ऐसा माना जाता है कि सोशल मीडिया की पोस्ट पर आलोचना करने के लिए किसी ने भारतीय दूतावास द्वारा एक झूठी शिकायत के आधार पर एक मिशन के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस मामले को ले कर उनकी मां बुधवार को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। 

 विजयन ने कहा की जैसा कि सूत्रों से पता चला कि इस वर्ष के मई में लोकडाउन के दौरान रियाद में फंसे हुए भारतीओं को भारत सरकार द्वारा वंदे भारत मिशन के तहत वहां के भारतीय दूतावास के माध्यम से उनके अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिये जिस फ्लाइट की व्यस्था की गई थी उसमे भारतीय दूतावास के कुछ ज़िम्मेवार अधिकारियों द्वारा अलग से पैसे लेकर उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक भेजा जा रहा था। जब इस बात की जानकारी साइमन को मिली तो साइमन समाजिक हितैषी कार्यकर्ता वह सहन नहीं कर सका और उसने इस बात की सही जानकारी लेने के लिये भारत के विदेश मंत्रालय में आरटीआई लगा कर रियाद में भारत दूतावास में हो रहे व्याप्त भ्र्ष्टाचार को उजागर करने के लिए वन्दे भारत मिशन के यात्रा सम्बंधित जानकारी मांगी, मंत्रालय का जवाब को साइमन ने परवासिओं के सुविधा के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर वंदे भारत मिशन की सही जानकारी सऊदी अरब में रह रहे केरला परवासिओं को देने कोशीश की जिससे दूतावास के अधिकारियों को काफी बुरा लगा, रियाद के भारतीय दूतावास के अधिकारिओं ने साइमन द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित सुचना को गलत तरीके से प्रस्तुत कर सऊदी सरकार को गुमराह कर साइमन को सऊदी क़ानून के तहत गिरफ्ता करवा दिया गया और इसके गिरफ्तारी की सुचना को साइमन के परिवार वालों से रियाद के भारतीय दूतावास द्वारा गुप्त रखा गया लेकिन केरला परवासिओं को जानकारी मिलते ही केरला परवासिओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से साइमन की गिरफ्तारी को स्वर्जनिक कर दिया। जिसका परिणाम आज साइमन को जेल में भुगतना पड़ रहा है।  

 साइमन की पत्नी ने अपने पति के गिरफ्तारी के बाबत पीजी पोर्टल के माध्यम से सऊदी सरकार से अपने पति की गिरफ्तारी का कारण जानना चाहा था। जिसमे उन्होंने रियाद में भारतीय दूतावास के अधिकारिओं द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था जिसके जवाब रियाद के भारतीय दूतावास एक पदाधिकारी श्यामसुंदर नामक ने 15 जुलाई 2020 को बताया की साइमन ने सोशल मीडिया पर सरकार के वंदे भारत मिशन में भ्रष्टाचार’ का आरोप लगाते हुये विट्रियल की टिप्पणी किया था तथा लोगों की भीड़ जुटाने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग करना सऊदी कानून के खिलाफ है ... सोशल मीडिया पर उनके इस असर को देखते हुए, ऐसा लगता है कि सऊदी अधिकारियों ने उनकी गतिविधियों का संज्ञान लिया है और उन्हें हिरासत में लिया है,।


 

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