15 साल के गड़े मुर्दे उखाड़ रही भाजपा, भाजपा इंडिया फाउंडेशन और विवेकानंद फाउंडेशन की भी जांच कराये - शिव भाटिया वरिष्ठ कांग्रेस नेता।
चाइना का भारत पर बढ़ता दबाव और घुसपैठ - कांग्रेस द्वारा चाइना के सैनिक घुसपैठ पर केंद्र सरकार क्या कर रही है के सवाल पर सरकार बौखलाई ?
जवाब में कांग्रेस पर किया हमला, राजीव गाँधी फाउंडेशन को घेरने का प्रयास
भाजपा दिमागी रूप से एक विचलित पार्टी है दरअसल इस पार्टी का नाम बंगारू लक्षण जूदेव पार्टी होना चाहिए था।
एस. ज़ेड.मलिक(स्वतन्त्र पत्रकार)
नई दिल्ली - चाइना का भारत पर बढ़ता दबाव, चाइना का भारत में सैनिक घुसपैठ, गलवान घाटी में चाइना सैनिक 18 की0 मि0 अंदर घुस चुके हैं जिसे लद्दाख की स्थानीय मीडिया तथा अंतर्राष्टीय मीडिया बीबीसी स्पष्ट रूप से दिखा रही है दुनियां देख रही है, बावजूद इसके भारत सरकार उन तमाम तत्थ्यों को छुपा कर चाइना पर अपना वर्चस्व दिखाने का प्रयास कर रही। इस बात पर कांग्रेस के सवाल पर सरकार ने भारत सरकार एकदम से बौखला गयी ,अब आनन फ़ाना में विशेष कैबनेट बैठक बुलाकर सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन की जाँच बैठा दिया। जबकि 1991 मई में राजीव गांधी की निर्मम ह्त्या बाद राजिव गांधी फाउंडेशन स्तित्व में आया इसके बाद1998 में भाजपा की पहली सरकार 16 मई 1996 से 1 जून 1996 की बानी फिर 19 मार्च , 1998 से 22 मई 2004, 6 साल , 64 दिन चली उस दरमियान कोई जांच नहीं उस पर कोई चर्चा नहीं उसके बाद लगातार 10 वर्षों तक कांग्रेस की सरकार चलती रही तब भाजपा विपक्ष की सब से बड़ी पार्टी होने के बावजूद इस पर कभी चर्चा नहीं किया गया ,2014 में फिर से भाजपा की सरकार बानी तब भी उन 5 वर्षों में इसकी चर्चा नहीं की गई न जांच किया गया। लेकिन जब आज कांग्रेस, भारत के साथ चाइना के बिगड़ते संबंध और चाइना द्वारा भारत में अपने सैनिकों के घुसपैठ पर विपक्ष का सही उत्तर देने के बजाये सरकार ऐसे नाज़ुक घड़ी में भारत के सभी विपक्ष पार्टिओं को अपने विश्वास में ले कर विपक्ष के सवालों का सही से उत्तर दे कर चाइना को उसके अपने बॉडर के अंदर धकेलने का कोई ऐसा ठोस क़दम उठाती, न की इस समय राजीव गांधी फाउंडेशन पर जांच बैठा कर आपसी कलह खड़ा करवाकर जहां एक ओर जनता को फिर से गुमराह करने का काम कर रही है ।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं हुड्डा सरकार में रहे राजनितिक सलाहकार शिव भाटिया ने कहा की भाजपा सरकार की ओछी मानसिकता की एक प्रतीक है की कोई भी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठा रहा है या सवाल कर रहे हैं उसे भाजपा सरकार अपराधी करार दे देती है या उसे देश द्रोही करार दे देती है।
उन्होंने ने कहा की इस सरकार का खुद दामन साफ़ नहीं है , भीमा कोरे गांव का मामला ले लीजिये, भीमा कोरे गांव के मामले से जुड़े वह तमाम बुद्धिजीवी लोगों को दबा दिया उसके बाद एनटीपीसी का मामला ले लीजिये एनटीपीसी के मामले में प्रदर्शन करने वालों को दबा दिया गया।
भाटिया ने वाजपयी सरकार के कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा की बंगारू लक्षण और जूदेव जो कैमरे के सामने आर्मस डील में रिश्वत लेते हुए दिखाए गए थे तो उसे भाजपा ने उस रिश्वत को पार्टी फंड का नाम दे कर लीपापोती कर दिया जिसे भारत की जनता ने देखा और जनता को याद भी है और दुनिया ने भी देखा उसी सरकार में जॉर्ज फर्नांडिस ने ताबूत घोटाला किया जिसे दुनियां ने देखा, यह 2015 का केस है उसका ऑडिट भी हो चूका है, यदि कोई जांच करनी है तो इनकम टेक्स डिपार्टमेंट से पूछिए, जिसका ऑडिट हो चुका है आज क्यों 15 साल बाद भाजपा को याद आ रहा जब भाजपा ने पीएम केयर फंड में कई सौ करोड़ ले लिया, अभी अभी 100 करोड़ तो केवल पेटीएम कम्पनी से लिया गया है, कहाँ 90 लाख और कहाँ कई सौ करोड़, इस पर जब भाजपा पर जब प्रेशर बनने लगे और हर जगह करकिरी होने लगी तो आपने मुद्दे से भटकाने के लिए बहाना निकाल लिया, आपको 15 साल पुराना केस याद आ गया, भाजपाई सरकार इतना ही ईमानदारी साबित करना चाहती है तो इंडिया फाउंडेशन और विवेकानंद फाउंडेशन की जांच भी कराये। उसकी जांच इसलिए नहीं होगी की वह उनके हित का है।
कांग्रेस नेता भाटिया ने कहा की भाजपा, कांग्रेस से मानसिकरूप से विचलित हो चुकी है। आज चाइना के मुद्दे पर सवाल उठाया जा रहा है तो सरकार को इस मुद्दे पर गम्भीरता दिखाना चाहिए और उसपर समाधान तलाशना चाहिए था न की राजिव गांधी के परिवार से व्यक्तिगत दुश्मनी साधने का अवसर तलाशना चाहिए था। पिछले सत्र में सदन में बहस के दौरान राहुल गांधी द्वारा बेरोज़गारी के मुद्दे पर उठाये गए सवाल पर स्पष्ट रूप से मोदी जी ने राहुल गांधी के द्वारा बेरोज़गारी पर उठाये गए प्रश्न के जवाब में कहा था की भारत की बेरोज़गारी दूर करे या न करें लेकिन आपकी बेरोज़गारी दूर नहीं होने देंगे यानी कांग्रेस की बेरोज़गारी दूर नहीं होने देंगे, सरकार के पास न तो कोरोना के मुद्दे पर कोई जवाब है न तो कोई चाइना के मुद्दे पर कोई जवाब है , सरकार से जब भी कोई सवाल करता है सरकार उसे अपराधी या देशद्रोही करार दे कर उसे दबा देती है। कांग्रेस जब सवाल करती है तो उसे घर खाली कराने की नोटिस दे दिया जाता है तो कभी राजिव गांधी फाउंडेशन का मामला उठाया जाता है इस पर हंगामा कर लोगों का ध्यान भटकाने का काम रही है।
भाटिया ने पीएम केयर फण्ड पर सवाल उठाते हुए पूछा की जो इन्होने ट्रस्ट बनाया है क्या यह वैध है रजिस्टर्ड है ? जो भी पैसा देश से माँगा जा रहा है और वह सीएसआर के लिए खर्च किया जाएगा तो क्या सीएसआर के द्वारा किया गया खर्च सरकारी खर्च में नहीं आएगा ? इस में जो फंड लिया जा रहा है वह फंड किसका है किस कंपनी का है और वह पैसा कहाँ खर्च किया जा रहा है ? जबकि न तो उसका ऑडिट है न कोई लेखा जोखा और न तो सरकार उसे आरटीआई के दायरे में रखना चाहती है आखिर क्यूँ ? फिर किस क़ानून के तहत यह फौरन फंडिंग पीएम केयर फंड में लिया जा रहा है ? जबकि राजीव गाँधी फाउंडेशन का नियमित रूप से ऑडिट हो रहा है और उसका एफसीआरए रजिस्टर्ड है। उन्होंने भाजपा से पूछा की भाजपा क्या जनता को बता पाएगी की भाजपा को चन्दा के नाम पर 2015 में 500 करोड़ डोनेशन आता था तो 2018,19 में अचानक से 2400 करोड़ कैसे आने लगा ?
भाटिया ने बड़े ही स्पष्ट रूप से भाजपा के प्रति आरोपपूर्ण लहजे में कहा की इंद्रा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट,या राजीव गाँधी ट्रस्ट कांग्रेस की कोई भी संस्था है वह पूर्ण रूप से पारदर्शित है। सरकार कभी भी कांग्रेस के किसी भी संस्था के निष्पक्ष जांच कराये तो मै समझता हूँ उसका ऑडिट व सारे लेखा जोखा एवं उसका मिनट बुक सभी अपडेट मिलेंगे बर्शर्ते की ईमानदारी से निष्पक्ष जांच होनी चाहीये न की द्वेष और दुराग्रह के तहत।
उन्होंने भाजपा सहिंत संघ को आड़े हांथों लेते हुए कहा की आज केंद्र सरकार द्वारा कांग्रेस के साथ जो भी किया जा रहा है वह एक द्वेषपूर्ण और दुराग्रह तहत किया जा रहा है। जो ना तो राजनीती है और न ही नैतिक आधार, भाजपा के नाम पर सरकार में बैठे संघ मनुवादी लोग आज कांग्रेस के नाम पर सोनिया गांधी के परिवार,1975 से 1977 के आपातकाल में अधिकतर संघ के लोग ही थे जो उस समय भी अपना चोला बदल कर इंद्रा कांग्रेस का विरोध कर रहे थे। जिन्हे जेल में डाला गया था।
कांग्रेस नेता भाटिया ने कहा भाजपा इस समय केंद्र सरकार, संविधान और लोकतंत्र की हत्या करने में लगी हुई है। जिसका परिणाम भारत की जनता बेगुनाह होते हुए भी बेरोज़गारी के रूप में भुगत रही है। भारत की जनता बेशक कांग्रेस को न बचाये लेकिन भारत को बिखरने और टूटने तथा बिकने से बचाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व में सड़कों पर उतर कर वर्तमान मनुवादी भारत सरकार का विरोध करना होगा तभी भारत के संविधान और लोकतंत्र तथा आरक्षण की रक्षा कर पाएंगे अन्यथा बंधुआ गुलाम बन कर अपना जीवन बिताएंगे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं हुड्डा सरकार में रहे राजनितिक सलाहकार शिव भाटिया ने कहा की भाजपा सरकार की ओछी मानसिकता की एक प्रतीक है की कोई भी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठा रहा है या सवाल कर रहे हैं उसे भाजपा सरकार अपराधी करार दे देती है या उसे देश द्रोही करार दे देती है।
उन्होंने ने कहा की इस सरकार का खुद दामन साफ़ नहीं है , भीमा कोरे गांव का मामला ले लीजिये, भीमा कोरे गांव के मामले से जुड़े वह तमाम बुद्धिजीवी लोगों को दबा दिया उसके बाद एनटीपीसी का मामला ले लीजिये एनटीपीसी के मामले में प्रदर्शन करने वालों को दबा दिया गया।
भाटिया ने वाजपयी सरकार के कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा की बंगारू लक्षण और जूदेव जो कैमरे के सामने आर्मस डील में रिश्वत लेते हुए दिखाए गए थे तो उसे भाजपा ने उस रिश्वत को पार्टी फंड का नाम दे कर लीपापोती कर दिया जिसे भारत की जनता ने देखा और जनता को याद भी है और दुनिया ने भी देखा उसी सरकार में जॉर्ज फर्नांडिस ने ताबूत घोटाला किया जिसे दुनियां ने देखा, यह 2015 का केस है उसका ऑडिट भी हो चूका है, यदि कोई जांच करनी है तो इनकम टेक्स डिपार्टमेंट से पूछिए, जिसका ऑडिट हो चुका है आज क्यों 15 साल बाद भाजपा को याद आ रहा जब भाजपा ने पीएम केयर फंड में कई सौ करोड़ ले लिया, अभी अभी 100 करोड़ तो केवल पेटीएम कम्पनी से लिया गया है, कहाँ 90 लाख और कहाँ कई सौ करोड़, इस पर जब भाजपा पर जब प्रेशर बनने लगे और हर जगह करकिरी होने लगी तो आपने मुद्दे से भटकाने के लिए बहाना निकाल लिया, आपको 15 साल पुराना केस याद आ गया, भाजपाई सरकार इतना ही ईमानदारी साबित करना चाहती है तो इंडिया फाउंडेशन और विवेकानंद फाउंडेशन की जांच भी कराये। उसकी जांच इसलिए नहीं होगी की वह उनके हित का है।
कांग्रेस नेता भाटिया ने कहा की भाजपा, कांग्रेस से मानसिकरूप से विचलित हो चुकी है। आज चाइना के मुद्दे पर सवाल उठाया जा रहा है तो सरकार को इस मुद्दे पर गम्भीरता दिखाना चाहिए और उसपर समाधान तलाशना चाहिए था न की राजिव गांधी के परिवार से व्यक्तिगत दुश्मनी साधने का अवसर तलाशना चाहिए था। पिछले सत्र में सदन में बहस के दौरान राहुल गांधी द्वारा बेरोज़गारी के मुद्दे पर उठाये गए सवाल पर स्पष्ट रूप से मोदी जी ने राहुल गांधी के द्वारा बेरोज़गारी पर उठाये गए प्रश्न के जवाब में कहा था की भारत की बेरोज़गारी दूर करे या न करें लेकिन आपकी बेरोज़गारी दूर नहीं होने देंगे यानी कांग्रेस की बेरोज़गारी दूर नहीं होने देंगे, सरकार के पास न तो कोरोना के मुद्दे पर कोई जवाब है न तो कोई चाइना के मुद्दे पर कोई जवाब है , सरकार से जब भी कोई सवाल करता है सरकार उसे अपराधी या देशद्रोही करार दे कर उसे दबा देती है। कांग्रेस जब सवाल करती है तो उसे घर खाली कराने की नोटिस दे दिया जाता है तो कभी राजिव गांधी फाउंडेशन का मामला उठाया जाता है इस पर हंगामा कर लोगों का ध्यान भटकाने का काम रही है।
भाटिया ने पीएम केयर फण्ड पर सवाल उठाते हुए पूछा की जो इन्होने ट्रस्ट बनाया है क्या यह वैध है रजिस्टर्ड है ? जो भी पैसा देश से माँगा जा रहा है और वह सीएसआर के लिए खर्च किया जाएगा तो क्या सीएसआर के द्वारा किया गया खर्च सरकारी खर्च में नहीं आएगा ? इस में जो फंड लिया जा रहा है वह फंड किसका है किस कंपनी का है और वह पैसा कहाँ खर्च किया जा रहा है ? जबकि न तो उसका ऑडिट है न कोई लेखा जोखा और न तो सरकार उसे आरटीआई के दायरे में रखना चाहती है आखिर क्यूँ ? फिर किस क़ानून के तहत यह फौरन फंडिंग पीएम केयर फंड में लिया जा रहा है ? जबकि राजीव गाँधी फाउंडेशन का नियमित रूप से ऑडिट हो रहा है और उसका एफसीआरए रजिस्टर्ड है। उन्होंने भाजपा से पूछा की भाजपा क्या जनता को बता पाएगी की भाजपा को चन्दा के नाम पर 2015 में 500 करोड़ डोनेशन आता था तो 2018,19 में अचानक से 2400 करोड़ कैसे आने लगा ?
भाटिया ने बड़े ही स्पष्ट रूप से भाजपा के प्रति आरोपपूर्ण लहजे में कहा की इंद्रा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट,या राजीव गाँधी ट्रस्ट कांग्रेस की कोई भी संस्था है वह पूर्ण रूप से पारदर्शित है। सरकार कभी भी कांग्रेस के किसी भी संस्था के निष्पक्ष जांच कराये तो मै समझता हूँ उसका ऑडिट व सारे लेखा जोखा एवं उसका मिनट बुक सभी अपडेट मिलेंगे बर्शर्ते की ईमानदारी से निष्पक्ष जांच होनी चाहीये न की द्वेष और दुराग्रह के तहत।
उन्होंने भाजपा सहिंत संघ को आड़े हांथों लेते हुए कहा की आज केंद्र सरकार द्वारा कांग्रेस के साथ जो भी किया जा रहा है वह एक द्वेषपूर्ण और दुराग्रह तहत किया जा रहा है। जो ना तो राजनीती है और न ही नैतिक आधार, भाजपा के नाम पर सरकार में बैठे संघ मनुवादी लोग आज कांग्रेस के नाम पर सोनिया गांधी के परिवार,1975 से 1977 के आपातकाल में अधिकतर संघ के लोग ही थे जो उस समय भी अपना चोला बदल कर इंद्रा कांग्रेस का विरोध कर रहे थे। जिन्हे जेल में डाला गया था।
कांग्रेस नेता भाटिया ने कहा भाजपा इस समय केंद्र सरकार, संविधान और लोकतंत्र की हत्या करने में लगी हुई है। जिसका परिणाम भारत की जनता बेगुनाह होते हुए भी बेरोज़गारी के रूप में भुगत रही है। भारत की जनता बेशक कांग्रेस को न बचाये लेकिन भारत को बिखरने और टूटने तथा बिकने से बचाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व में सड़कों पर उतर कर वर्तमान मनुवादी भारत सरकार का विरोध करना होगा तभी भारत के संविधान और लोकतंत्र तथा आरक्षण की रक्षा कर पाएंगे अन्यथा बंधुआ गुलाम बन कर अपना जीवन बिताएंगे
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