गोडसे के नाम से पूल का नामांकरण -
राजस्थान के अलवर में राष्ट्रपति महात्मा गांधी की हत्या करने वाले व्यक्ति को जब यह सरकार राष्ट्रवादी की उपाधि दे कर हत्यारे गोडसे के नाम से पूल का नामांकरण करसकती है तो कुछ भी सम्भव है। हमारे देश की जनता को फैसला करना होगा की अपने देश को नर्क बना चाते हैं या स्वर्ग , यह आप जनता पर मुनहसर करता है। भाजपा और आर एस एस दोनों ही सिर्फ पांच साल का टारगेट लेकर सत्ता हासिल किया है , अब तक इन दो सालों में इन्हें ने इतना गबन और घोटाला कर रहे हैं। इसको कैसे छुपाएँ तो हम भारतियों का ध्यान हटाने के लिए आतंकवाद, अशहिष्णुता, साम्प्रदायिकता का हंगामा कर के कुछ दलाल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को रुपया दे कर इतना शोर मचाते हैं की हम इनके दुर्द्यंत कारनामें को भूल कर हाय आतंकवाद हाय पकिस्तान कहकर हाहाकार मचाने वालों के पीछे पीछे हो लेते हैं। फिर हम सिर्फ तमाशाई बने उन्हें और उनके द्वारा रचे गए ड्रामे को ही देखते रहते हैं। इन बातों को हम तमाम भारतियों को गम्भीरता से सोंचना होगा। एस.जेड. मलिक (पत्रकार)
राजस्थान के अलवर में राष्ट्रपति महात्मा गांधी की हत्या करने वाले व्यक्ति को जब यह सरकार राष्ट्रवादी की उपाधि दे कर हत्यारे गोडसे के नाम से पूल का नामांकरण करसकती है तो कुछ भी सम्भव है। हमारे देश की जनता को फैसला करना होगा की अपने देश को नर्क बना चाते हैं या स्वर्ग , यह आप जनता पर मुनहसर करता है। भाजपा और आर एस एस दोनों ही सिर्फ पांच साल का टारगेट लेकर सत्ता हासिल किया है , अब तक इन दो सालों में इन्हें ने इतना गबन और घोटाला कर रहे हैं। इसको कैसे छुपाएँ तो हम भारतियों का ध्यान हटाने के लिए आतंकवाद, अशहिष्णुता, साम्प्रदायिकता का हंगामा कर के कुछ दलाल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को रुपया दे कर इतना शोर मचाते हैं की हम इनके दुर्द्यंत कारनामें को भूल कर हाय आतंकवाद हाय पकिस्तान कहकर हाहाकार मचाने वालों के पीछे पीछे हो लेते हैं। फिर हम सिर्फ तमाशाई बने उन्हें और उनके द्वारा रचे गए ड्रामे को ही देखते रहते हैं। इन बातों को हम तमाम भारतियों को गम्भीरता से सोंचना होगा। एस.जेड. मलिक (पत्रकार)
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