*इंजीनियर डे की हार्दिक शुभकामनाएं l*
लेखक मोहम्मद रशीद लतीफ़
ईश्वर ने हम सबको इंसान को बनाया है और हम वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित सिद्धांतों का उपयोग कर प्रकृति शासीत कानूनों का फायदा उठाते हुए मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए हम मनुष्यों की सुविधा के अनुसार इस सन्सार को बनाना है। इसी लिए हम सब का कर्तव्य है कि एक राष्ट्र निर्माता के रूप में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए अपनी सृजनात्मक सोच और कडी मेहनत से राष्ट्र के निर्माण में देश व समाज को तकनीक के क्षेत्र में एक नई दिशा देकर इनोवेटिव तरीकों से आम जनता के जीवन को बेहतर बनाने एवं नया भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए l
हम सभी के प्रेरणा के स्रोत देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित, प्रसिद्ध इंजीनियर एम. विश्वेश्वरैया ने देश के भावी इंजीनियरों को संदेश देते हुए कहा था कि मानवता की भलाई तथा देश के वातावरण को ध्यान में रखते हुए देशनिर्माण में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
इसलिय मेरा मानना है की असल में इंजीनियर वह नहीं है जो इंजीनियरस सिर्फ मशीनों के साथ काम करे, बल्कि वह है जो किसी भी क्षेत्र में अपने मौलिक विचारों और तकनीक से मानवता की भलाई के लिए काम करे।
करीब 100 साल पहले जब साधन और तकनीक इतने विकसित नहीं थे, विश्वेश्वरैया ने आम आदमी की समस्याएं सुलझाने के लिए इंजीनियरिंग में कई तरह के *इनोवेशन* किए।
लेखक मोहम्मद रशीद लतीफ़ के अपने स्वतंत्र विचार हैं
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