AINA INDIA

Saturday, October 21, 2017

AINA INDIA: भारत की तक़दीर बदलने के लिए इससे बेहतर रास्ता और को...

AINA INDIA: भारत की तक़दीर बदलने के लिए इससे बेहतर रास्ता और को...: भारत की तक़दीर बदलने के लिए इससे बेहतर रास्ता और कोई हो ही नहीं सकता।  एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)    यदि मोदी जी चाहते हैं की वह ह...
AINA INDIA at 2:34 AM No comments:
Share

Tuesday, October 17, 2017

AINA INDIA: इंडियन सोसाइटी फॉर कल्चर कॉर्पोरेशन एंड फ्रैंडशिप।...

AINA INDIA: इंडियन सोसाइटी फॉर कल्चर कॉर्पोरेशन एंड फ्रैंडशिप।...: इंडियन सोसाइटी फॉर कल्चर कॉर्पोरेशन एंड फ्रैंडशिप। (स्कॉफ)    की उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी में समन्यव्या बैठक।   एस. ज़ेड. मलिक (पत्र...
AINA INDIA at 1:52 AM No comments:
Share
इंडियन सोसाइटी फॉर कल्चर कॉर्पोरेशन एंड फ्रैंडशिप। (स्कॉफ)   
की उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी में समन्यव्या बैठक। 
एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)

 
 


  




बाहरी दिल्ली - विश्व में मानवता त्राहि के भयावः उठने वाले तूफ़ान के मद्देनज़र "इंडियन सोसाइटी फॉर कल्चर कॉर्पोरेशन एंड फ्रैंडशिप" (स्कॉफ) ने पिछले दिनों 15 अक्टूबर 2017 को उत्तरी दिल्ली के जहांगीरपुरी में भारत की सांस्कृति तथा सभ्यता को बचाने के प्रति जागरूक करने के संदर्भ में एकता सुधार समिति की अध्यक्षा श्रीमती नर्गिस  खान तथा वंदना फाउण्डेशन की चेयरपर्सन वंदना खुराना ने समन्यव्या संगोष्ठी का आयोजन किया। 
इस अवसर पर "स्कॉफ" के राष्ट्रिय अध्यक्ष पूर्व सांसद श्री अज़ीज़ पाशा (हैदराबाद) ने इस बैठक की अध्यक्षता की , उन्होंने स्कॉफ की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा की यह संस्था 1925 से अबतक अपने पडोसी देशों से साथ सौहार्दपूर्ण आपसी रिश्तों  का समन्यवया बनाने का कार्य रही है , उन्हों कहा की पकिस्तान , बंगला देश , नेपाल , चीन , क्यूबा , और रूस के साथ इस संस्था ने हमेशा आपसी सहयोग और बेहतर संबंधों के प्रति सजगपूर्ण अग्रसर रही है - इन देशों के बीच अपनी सभ्यता और सांस्कृति के मूल अधिकारों के तहत एक दूसरे का रिश्ते को मज़बूत और सुदुढ़ बनाने का काम किया है।  उन्होंने भारत के हर राज्यों में स्कॉफ के विस्तार की कामना करते हुए वहां उपस्थित श्रोताओं से स्कॉफ से जुड़ने का आग्रह करते हुए निवेदन किया की जहांगीरपुरी में भी आप लोग स्कॉफ की एक कमिटी गठित कर अपनी सभ्यता सांस्कृति तथा आपसी भाईचारे को बज़बूत बनायें।  वहीँ इस सभा में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित स्कॉफ सचिव कॉमरेड  श्री विजय कुमार जी , एवं राष्ट्रिय सचिव एवं आंध्रप्रदेश अध्यक्ष श्री टी. एस. सुमारन ने भी अपने वक्तव्य दिए तथा विशेष अतिथि श्री रोशन लाल अग्रवाल सामाजिक आर्थिक न्याय विचारक एवं विश्लेषक ने इस अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए कहा की विश्व में इस समय भयावः  गरीबी और बेरोज़गारी फैली हुयी है जिस के कारण हर जगह महामारी फैली हुयी है यह आज की परिस्थिति का सबसे सबसे भयानक परिदृश्य है जो बहुत ही गंभीर समस्य है उन्हों ने इस समस्या का समाधान बताते हुए कहा की मुठी भर लोगों के हांथों में विश्व की सारी सम्पदा बंद है मुठ्ठी बार लोग ही विश्व की सारी  सम्पदा के मालिक हैं बाक़ी सभी व्यक्ति गुलाम हैं।  इस से छूतरा पाने के लिए एक ही रास्ता हैं - वह है आर्थिक क्रांति जो सभी को आर्थिक गुलामी से मुक्ति दिलायेगी तभी हम अपनी सभ्यता और सास्कृति को बचा पाएंगे , उन्होंने कहा की सर्कार ने भारत की जनता को मुर्ख समझते हुए गरीबी रेखा खींच कर गरीब और मध्य आये स्त्रोत को लोगों को एक सिमित दायरे में बाँध कर गुलामी करने पर मजबूर कर दिया है - इसका बस एक ही समाधान है " अब गरीबी नहीं अमीरी रेखा बनाना होगा , केवल संपत्ति पर सरकार टेक्स लगाए बाक़ी सभी टेक्सों को समाप्त कर दे।  केवल संपत्ति कर ही सरकार को इतना लाभ मिलेगा की सरकार प्रति व्यक्ति को 10 ,000 रु ० पार्टी मांह जीवन से मिर्तुयु तक देके के बावजूद सरकारी महकमे के सारे खर्चे आराम से निकाल कर इतना बचत होगा की सरकार दूर देशों को भरपूर क़र्ज़ भी दे सकती हैं।  
इस अवसर पर पत्रकार एस. जेड. मलिक में सभा का संचालन किया तथा स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद उस्मानी , तथा अनीस मुहम्मद, हसन अकबर अध्यक्ष जनमानस सोसाइटी एवं अनीस फात्मा अध्यक्ष "राइटवे"  ने भी इस सभा को सम्बोधित किया।                  
   
AINA INDIA at 1:47 AM No comments:
Share

Sunday, October 1, 2017

सौहार्दपूर्ण भारत के विकास के लिए कुछ सरल और सहज उपाये । 

एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)  

यदि भारत सरकार भारत के विकास के प्रति वकाई ईमानदार है। तो उन्हें तीन महत्वपूर्ण कार्य करने होंगे।  पहला - सम्प्रदाइकता जैसी कैंसर की बिमारी का नियमित और स्थायी रूप से  इलाज करना होगा। उसके लिये उन्हें जिस क्षेत्र में सम्प्रदायिक दंगे हुए हैं या सम्प्रदायिकता उन्माद बढ़ाया जा रहा है उन क्षेत्रों में सांसद , विधायक, और क्षेत्र का निगम पार्षद या मुख्या हो उनके साथ क्षेत्र के डीएम , एस पी , को ज़िम्मेवार मानते हुये उन पर ही पूर्णरूप से ऐसी कार्यवाई हो जिस से उनको दोबारा दुर्भावनापूर्ण बदला लेने के लिए फिरसे किसी दूसरे क्षेत्र में काम करने का अवसर न मिले। यानी उनको उनके पद से स्थायी रूप बर्खास्त कर उन्हें कम से कम 12  वर्ष की कड़ी सजा दी जाये। एक बार करेंगे सम्पूर्ण राज्य सतर्क रहेगा। दुबारा गलती करने की हिम्मत नहीं करेगा। 
दुसरा - हर युवा वर्ग जो आर्थिक दृष्टिकोण से कमज़ोर की पहचान कर दलितो (शोषित)  ब्राह्मण , मुस्लिम पिछड़े तथा अति पिछड़ी जातियों के घरों को चिन्हित कर उन घरों से कम से कम एक युवा को  , जो जिस योग्य है उसे चपरासी से लेकर क्लर्क और बड़ा बाबू तक की सरकारी नौकरी दिया जाये जिस में युवा वर्ग व्यस्त हो जायेंगे।  
तीसरा - भारत के हर गाँव में ग्रामं विकास योजना के अंतर्गत हर गांव में ग्रामीण किसान विकास समिति बनाया जाय जिसमें स्थानीय ग्रामीणों के साथ साथ एक स्थानीय एनजीओ और सरकारी ब्लॉक पदाधिकारी एवं स्थानीय सरकारी कर्मचारि हो उसमे कोई भी राजनितिक व्यक्ति जो किसी पार्टी से जुड़ा हुआ है और जनता द्वारा चुना हुआ प्रतिनिधि जैसे मुख्या , विधायक, सांसद न हों यह समिति ऐसे लोगों से मुक्त रखना होगा , उस समिति के द्वारा एक    " किसान राहत कोष " बनाया जाये , उस राहत कोष में केंद्र एवं राज्य सरकार किसानों को राहत देने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी के साथ लोन देने का प्रावधान रखे। इन्हे 50 हज़ार से लेकर 5 लाख रूपये तक तक देने का प्रावधान रखना होगा ताकि सरकार को लेने में और किसान को देने में दिक्कत न आए।  दूसरे - किसान जो भी उत्पादन करे उसे  "किसान विकास समिति" डीएम और ब्लॉक पदाधिकारी  के निगरानी में सरकार सीधे खेत से किसानों से उत्पादन को खरीद कर एफ सी आई के गोडाउन में रखे और वहां से उसे सीधे अढ़ातिओं को बेचे इससे बिचौलियों दलालों का वर्चस्व समाप्त हो जाएगा और किसानो को तथा अढ़तियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा तथा सरकारी खज़ाना भी भरेगा और किसान आसानी से टेक्स के दायरे में आसकेँगे। सरकार को इसका काफी बड़ा लाभ मिलेगा।  

01/10/2017
2:28,PM- complete. 
   
AINA INDIA at 2:22 AM No comments:
Share

Thursday, May 11, 2017

ट्रिपल तलाक़ पर प्रभावपूर्ण पाबन्दी समस्याओ का समाधान नही - Report by S.Z.Mallick(Journalist)



ट्रिपल तलाक़ पर प्रभावपूर्ण पाबन्दी,मुस्लिम महिलाओ की समस्याओ का समाधान नही : अमीर जमआत



नई दिल्ली, मई 11: जमआत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना सय्यद जलालुद्दीन उमरी ने उच्चतम न्यायालय द्वारा तीन तलाक पर प्रभावतः प्रतिबन्ध लगाने पर आशंका व्यक्त करते ने कहा कि – ट्रिपल तलाक पर प्रतिबन्ध लगाने से मुस्लिम महिलाओ को कोई फायदा नही होने वाला है बल्कि इसके विपरीत परिणाम निकलेंगे जैसे अगर पति अपनी पत्नियों को परेशान करना चाहे तो वह ऐसा करता रहेगा और पत्नियों को उनके अधिकारों से वंचित रख सकता है| ट्रिपल तलाक पर पाबन्दी लगाना कई प्रकार की जटिल समस्याओं को जन्म देगा और इससे महिलाओ की मर्यादा और सम्मान को अघात पहुंचेगा| मौलाना ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि मुसलमानों में तीन तलाक को लेकर जो मुस्लिम विरोधी लहर बनायी जा रही है वह निराधार है, मुसलमानों में तलाक का जो अनुपात है वो दूसरे धर्मो के मानने वालो से कई गुना कम है | जमआत इस्लामी हिन्द की नियमित मासिक प्रेस वार्ता में मौलाना ने अपने विचार व्यक्त किये वहां उपस्थित  
मुस्लिम पर्सनल लॉ जागरूकता अभियान के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद जाफर ने प्रेस कांफ्रेंस में संस्था द्वारा चलाये जारहे अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि जमआत इस्लामी हिन्द की ओर से चलाए गया मुस्लिम पर्सनल लॉ जागरूकता अभियान बहुत ही कामयाब रहा और इसके परिणाम भी हमारे सामने आने शुरू हो गए है | इस अभियान का मकसद मुसलमानों को उनके शरई कानूनों अर्थात मानवीय जीवनशैली (इंसानियत के रस्ते)  से जागरूक करने के साथ-साथ देश बंधुओं में जो इस्लाम और इस्लामी पारिवारिक कानूनों के बारे में फैली भरम को दूर करना था | इस अभियान के बहुत ही अच्छे परिणाम सामने आये है | शीर्ष मुस्लिम धार्मिक उलेमा ने इस अभियान का समर्थन किया है |
उन्होंने अभियान की प्रमुख विशेषताओं को उजागर करते हुए कहा की ज़्यादातर प्रेस कांफ्रेंस और शरई सम्मेलनों को जमात इस्लामी हिन्द के महिला विंग की अधिकारीयों नेसम्बोधित किया। जमआत के हजारों कार्यकर्ताओं ने कई छोटे और बड़े कार्यक्रम आयोजित किये | मुसलमानों को तलाक का सही तरीका समझाने के लिए जुमे(शुक्रवार) के खुतबों अर्थात मानवीय जीवनशैली (इंसानियत के रस्ते) पर  व्याख्यान दिया दिए , मुसलमानों को शादी कम खर्चें में करने, दहेज़ न लेने या देने के साथ साथ विरासत में अपनी बहन बेटियों को हिस्सेदारी देने के लिए प्रोत्साहित किया गया | उलेमाओं (आचार्यों ) और वकीलों के साथ बैठकें आयोजित की गयीं । अभियानके दौरान कस्बों में परामर्श केंद्र शरई अर्थात मानवीय जीवनशैली (इंसानियत के रस्ते)  पंचायतों का गठन किया गया। इस अभियान के माध्यम से 14.5 करोड़ लोगो तक पहुँचने के लक्ष्य को प्राप्त किया गया |
आज के प्रेस कांफ्रेंस को जमआत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव मुहम्मद सलीम इंजीनियर ने भी संबोधित किया और देश में बढ़ती अराजकता पर चिंता व्यक्त करते हुये निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।

AINA INDIA at 10:26 PM No comments:
Share

Thursday, April 27, 2017

AINA INDIA: मलिंगार मौत के कागार पर। एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)

AINA INDIA: मलिंगार मौत के कागार पर। एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार): मलिंगार मौत के कागार पर।   एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)    हरी भरी पहाड़ीओं के बीच दक्षिण हिमालय की कोख में बसा मसूरी से 6 किलोमीटर दूर मलिं...
AINA INDIA at 1:45 AM No comments:
Share

Wednesday, April 26, 2017

मलिंगार मौत के कागार पर। एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)

मलिंगार मौत के कागार पर।  एस. ज़ेड. मलिक (पत्रकार)   

हरी भरी पहाड़ीओं के बीच दक्षिण हिमालय की कोख में बसा मसूरी से 6 किलोमीटर दूर मलिंगार पहाड़ी पर खूबसूरत शहर मलिंगार, लैण्डौर कैंट जहाँ बसे लग भाग 1000 लोगो का जीवन मौत के कागार पर है। उत्तराखंड सरकार का मसूरी प्रसाशन अचेत है। जब तक दो चार सौ लोग मौत के मुंह में नहीं चले जाते शायद तब तक सरकार और प्रसाशन की नींद नहीं खुलेगी।
जानकार सूत्रों द्वारा भारत में ब्रिटिश हुकूमत अपना क़ब्ज़ा जमा लेने के पश्चात मसूरी के पहाड़ियों में मुलिंगार हिल के ऊपर पहली स्थायी इमारत 1825 में लण्डौर इस्थित लैंडौर छावनी बनाई गई। यह इमारत मसूरी के "शोधकर्ता" कप्तान फ्रेडरिक यंग ने बनाया था, जो पहले गोरखा बटालियन के कमांडेंट थे।  प्रचलित गोरखा युद्ध के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने भारत में बढ़ती गर्मिओं के मद्देनज़र अपने परिवार व विशेष कर अपनी सेना के लिए के लिए "ब्रिटिश यंग्स" के नाम से "मल्लिंगार" में "एल" आकार का एक विशाल भवन तैयार किया। जिसके अंदर  "एल"  मोड़ के साथ एक बाहरी आंगन जिसे अहाता  भी कहते हैं। 
बहरहाल आज उस मुलिंगार में न तो सेना का शिविर है और ना कोई ब्रिटिश सरकार का कोई मेहमान - न मेहमानखाना न उसमे कोई ब्रिटिश सरकार का सेवादार, न भारत सरकार का कोई प्रतिनिधि ही रहता है। आज यदि वहाँ कोई रहता है तो वह है कुछ गढ़वाली समुदाय के लोग तथा गैरगढ़वाली, उक्त भवन पर पूर्णतः अवैध क़ब्ज़ा है। जो न तो  उक्त भवन का कोई मरम्मत कराने को सोंचता है न कोई किराया देता है न तो उत्तराखंड सरकार इन लोगों से किराया लेती है।  जिस में लगभग 100 कमरे हैं सभी पर अवैध क़ब्ज़े हैं  जिस अंदर ही अंदर लोगों ने अपने सुविधा अनुसार रूम बना कर अपने परिवार के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। 
जानकार सूत्रों द्वारा 1947 में अंग्रेज़ों द्वारा उक्त भवन को भारत सरकार को सुपुर्द करने के बाद से अबतक उक्त भवन में किसी भी प्रकार की मरम्मति का काम नहीं हुआ है - आज उन भवनों में जगह जगह दरारें पड़  चुकी हैं जो आने वाले दुर्घटना का संकेत दे रही है।  मरम्मति के नाम पर कई ठीकेदारों और बिल्डरों ने सरकार से टेंडर ले ले कर कागज़ों में भवनों की मरम्मत तथा नवीकरण व विकास को आज तक दर्शाते रहे हैं लेकिन सच्चाई प्रत्यक्ष रूप से चिल्ला चिल्ला कर कह रही है की इन के साथ नइंसाफ़ी हो रही है और इसमें रहनेवाला कोई भी परिवार सुरक्षित नहीं है। 
ज्ञात हो की मलिंगार की वर्तमान आबादी लगभग 3700 सौ की है। जिसमें लगभग 1000 लोग उक्त भवन में अवैधरूप से रहते हैं। यदि उत्तराखंड साकार व देहरादून प्रसाशन अब भी नहीं चेती तो आने वाले  समय में यदि कोई दुर्घटना होती है तो उस की ज़िम्मेवार उत्तराखंड साकार व देहरादून प्रसाशन ही होगा। इसलिए की वहां आये दिन भूकंप, आंधी तूफ़ान आते ही रहते हैं जिस के कारण कही न कही जानी माली नुकसान होता रहता है। आज मलिंगार भी मौत के कागार पर खड़ा थरथरा रहा है।  
Image result for image of landour mullingar mussoorie residentialImage result for image of landour mullingar mussoorie residentialRelated image


Image result for Image of landour mullingar residential area mussoorie

यह वही भवन है जो मलिंगार के लण्डौर कैंट कहा जाता है जो सब से ऊंचाई पर है जो जार जार इस्थिति में है।  
AINA INDIA at 6:23 AM No comments:
Share

Tuesday, April 25, 2017

AINA INDIA: जीआईआरडी द्वारा "बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ " कार्यकरम...

AINA INDIA: जीआईआरडी द्वारा "बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ " कार्यकरम...: नई दिल्ली - ग्रीन इंस्टिट्यूट फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट द्वारा आरके पुरम  सेक्टर 4 में दिल्ली मलियाली असोसिएशन के...
AINA INDIA at 8:46 PM No comments:
Share

Monday, April 17, 2017

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं!- पलाश विश्वास

3 of 5,651
 
 
 
Print all
In new window

अलविदा पत्रकारिता,अब कोई प्रतिक्रिया नहीं ! पलाश विश्वास

Inbox
x
आजीविका के बतौर पेशेवर पत्रकार से पत्रकारिता से पिछले साल 16 मई को रिटायर हो गया हूं।इस बीच जो लोग बिना पारिश्रामिक मुझे छाप रहे थे,इस केसरिया दुःसमय में वे भी मुझ जैसे दुर्मुख को छापना सही नहीं मान रहे हैं।बाजार में होने की उनकी सीमाएं हैं।फिरभी कभीकभार वे मुझे छाप ही देते हैं,पैसे भले न दें।
माननीय प्रभाष जोशी की कृपा से उनके धर्मनिरपेक्ष,प्रगतिवादी,गांधीवादी चित्र में कोटे का चेहरा बन जाने के बावजूद,वेतन बोर्ड के मुताबिक समाचार संपादक का स्केल तक पहुंच जाने के बावजूद उप संपादक पद से रिटायर हुआ हूं और मेरा प्रोफाइल या सीवी किसी के काम का नहीं है।
विविध विषयों को पढ़ा सकता हूं,विभिनिन भाषाओं में लिख पढ़ सकता हूं,लेकिन बाजार में हमारे विचार और सपने प्रतिबंधित हैं।
ऐसे हालात में चूंकि सामंती मनोवृत्ति का नहीं हूं।जैसे हमारे पुरखे पूर्वी बंगाल के जमींदारों सामंती मूल्यों के आधार पर बाकी लोगों पर खुद हावी हो जाते थे,वैसा हमने इतने सालों से कोशिश करके न करने का अभ्यास करते हुए अपना डीएनए बदल डालने की निरंतर कोशिश की है।
हम ऐसा फैसला कुछ नहीं कर सकते,जिसपर मेरे परिवार के लोगों को ऐतराज हो।इसलिए फिलहाल घर वापसी के रास्ते बंद हैं तो महानगर में बिना किसी स्थाई छत के जिंदा रहना हमारी बची खुची क्रयशक्ति के हिसाब से नामुमकिन है।
इसलिए पत्रकारिता से भी रिटायर होने का वक्त हो आया है।साहित्य से रिटायर होते वक्त भी कलेजा लहूलुहान था।
1980 से लगातार सारे ज्वलंत मुद्दों को बिना देरी संबोधित करने की बुरी लत रही है।1991 से आर्थिक मुद्दों और नीति निर्धारण की वैश्विक व्यवस्था पर मेरा लगातार फोकस रहा है।
अब मेरे पास वैकल्पिक माध्यम कोई नहीं है।
यह सोशल मीडिया भी मुक्तबाजार का एकाधिकार क्षेत्र है,जहां विचारों और सपनों पर सख्त पहरा है।
हम जिंदगी भर कोशिश करेक जमीन पर कोई स्वतंत्र स्वनिर्भर वैकल्पिक मीडिया गढ़ नहीं सके हैं।यह हमारी सबसे बड़ी अयोग्यता है।
जन्मजात मेधावी नहीं रहा हूं।हमेशा हमने सीखने समझने की कोशिश की है और उसी बूते लगातार संवाद जारी रखने की कोशिश की है।
अब मौजूदा हालात में जब मेरे पास लिखने की कोई फुरसत निकलना क्रमशः मुश्किल होता जा रहा है,हम भविष्य में ऐसे किसी विषय पर नहीं लिखेंगे,जो घटनाक्रम की प्रतिक्रिया में लिखा जाये।
क्योंकि इन प्रतिक्रियाओं से जनविरोधी नरसंहारी संस्कृति के लिए धार्मिक ध्रूवीकरण और तेज होता है।
किसी भी राजनीतिक गतिविधि,समीकरण पर मेरी अब कोई टिप्पणी नहीं होगी क्योंकि पूरा राजनीतिक वर्ग आम जनता के खिलाफ लामबंद है और इस वर्ग से हमारा किसी तरह का कोई संबंध नहीं है और जनसरोकार से बिल्कुल अलहदा यह सत्ता की मौकापरस्त राजनीति आम जनता के किसी कामकाज की नहीं है।
जिन मुद्दों पर जानकारी मीडिया या अन्य माध्यमों तक आपको मिल रही है, उनपर अपना विचार व्यक्त करने की जरुरत नहीं है।
इसलिए मीडिया की सुर्खियों पर अपना पक्ष अब नहीं रखेंगे।
जरुरी हुआ तो कभी कभार आर्थिक,सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों या नीति निर्धारण प्रक्रिया पर लिखेंगे।
राजनीतिक कवायद नहीं,अब हम जमीन पर जो भी रचनात्मक हलचल है या जो प्रासंगिक द्सतावेज मिलते रहेंगे, उन पर कभी कभार मंतव्य करेंगे।यह पत्रकारिता नहीं होगी और न प्रतिक्रिया होगी।सीधे हस्तक्षेप होगा।
अब तक जो लोग मुझे झेलते रहे हैं,उनका आभारी हूं।
खासकर उन मित्रों का आभार जो लगातार पांच दशकों से मेरा समर्थन करते रहे हैं और जिनके बना मेरा मेरा कोई वजूद है ही नहीं।
कविता छोड़कर पत्रकारिता अपनाने की जो गलती की है,वह सुधारी नहीं जा सकती,लेकिन अब रोजमर्रे की पत्रकारिता से मेरा अवसान।धन्यवाद।
AINA INDIA at 1:39 AM No comments:
Share

जीआईआरडी द्वारा "बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ " कार्यकरम का आयोजन। एस. जेड. मलिक(पत्रकार)







नई दिल्ली - ग्रीन इंस्टिट्यूट फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट द्वारा आरके पुरम सेक्टर 4 में दिल्ली मलियाली असोसिएशन के सभागार में भारत की प्रथम दलित महिला शिक्षिका श्रीमती सावित्री बाई पहले की याद में तथा भारत के संविधान लेखक  डॉ. भीमराओ अम्बेदकर के जयंती पर भारत सरकार द्वारा लागु  'बेटी बचाओ, बेटी पढाओ' कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का प्रयोजन हाऊसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन एवं डॉ. अम्बेदकर फाउण्डेशन ने किया। कार्यक्रम दो शिफ्टों में सुबह 10 बजे से संध्या 5 बजे तक रहा। इस कार्यक्रम का संचालन जीआईआरडी के सचिव श्री ए.के. शमशुद्दीन क़ादर ने किया तथा इस के मुख्य अतिथि आंबेडकर फाउण्डेशन के एडिटर श्री

सुधीर हिलसियां थे। एवं विशिष्ठ अतिथि श्री मेंबंधु सेन कंसलटेंट महिला विकास कोष एवं दिल्ली महिला आयोग उत्तरी पश्मी जिला के प्रोजेक्ट हेड एवं अध्यक्ष अल हिन्द युवा संघ के अब्दुल वाहिद सिद्दीक़ी तथा दिल्ली महिला आयोग उत्तरी पश्मी जिला की कांसुलर सुश्री मुक्ता, विस्डम पब्लिक स्कूल की प्रीती टोकास, विद्या जोशी तथा मंच की अध्यक्षता श्री केपी हरिन्दरान अचारी (अध्यक्ष जीआईआरडी) ने कि। इस अवसर पर सामाज सेविका सुजाता हिलसियां , एकता सुधार समिति की अध्यक्षा श्रीमती नरगिस खान , पैराहन ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया की निदेशक,श्रीमती सल्तनत ज़ैदी , वरिष्ठ  सेवक अशफ़ाक़ मुहम्मद एवं प्रभुदयाल जी ने ''बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ'' पर अपने व्याख्यान दिये। 
इस अवसर पर एएचवाईएस के प्रोजेक्ट पीएमकेवाई के स्कील की छात्राओं ने भी इस कार्यक्रम में ''बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ'' पर अपने व्याख्यान दे कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनके श्रेष्ट वक्तव्य पर जीआईआरडी द्वारा प्रतिभाशाली छात्राओं को इनाम के तौर पर नगद राशि भी भेंट किया गया।
       
AINA INDIA at 12:55 AM No comments:
Share

Friday, March 24, 2017

            
   दिल्ली में भी बने एंटी रोमियो  दल  - वंदना वत्स

नई दिल्ली- दिल्लीमें मनचलों की बढ़ती उत्पात के मद्देनज़र आद्य फॉउंटेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती वंदना नेदिल्ली पुलिस आयुक्त से मांग की है की दिल्ली के तमाम स्कूल कॉलेज के बाहर मजनुओ की धार पकड़ के लिए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर एंटी रोमियो दल शुरू  होना चाहिए स्कूलों के बाहर सुबह के समय आवारालड़के स्कूली छात्राओ के साथ छेड़खानी नजर करते आते है जैसे की गौतमपुरी ब्रमपुरी  नाले के ऊपर स्कूल में पढ़ने वाली छात्रएं ओ उनके अभिभावक ने इन मनचलो मजनुओ की शिकायत कई बार उस्मानपुर के थाना अध्यक्ष को लिखित में शिकायत की परन्तु कोई कार्यवाही पिछले छा महीने से नहीं हुई है।  
श्रीमती वंदना ने दिल्ली  पुलिस आयुक्त से जोर देकर कहा की दिल्ली  में स्कूली छात्राये सुरछित नहीं है इसलिए  उत्तर प्रदेश जैसा एंटी रोमियो दल अभियान दिल्ली  में चलाये जाने की आवश्यकता है।  
AINA INDIA at 7:37 PM No comments:
Share

Saturday, March 4, 2017

भारत में बढ़ते पक्षपात को ले कर जमात इस्लामी हिन्द चिंतित। S.Z.Mallick(Journalist)

                                   
ainaindia.blogspot.com






बिन नीति। जमात इस्लामी हिन्द की बढ़ती चिंता।   

नई दिल्ली] 04 मार्च 2017 ।  जमाअत इस्लामी हिन्द यह महसूस करती है कि विविध संस्कृति वाले देश भारत को नफरत और पक्षपात के रास्ते पर ले जाने की कोशिश की जा रही है। देश में मानवता और सौहार्द्र जैसी सामाजिक मूल्यें तेजी से गिरती जा रही हैं। ये सूरतहाल सबके लिए समान रूप से अत्यंत हानिकारक है और देष के गंभीर नागरिकों के लिए चिंता का विषय है। लेकिन इसका सकारात्मक पहलू यह है कि देश की बहुसंख्यक अवाम इसके खिलाफ हैं और अराजक तत्व मुट्ठी भर। ये बातें जमाअत इस्लामी हिन्द के अमीर (अध्यक्ष) मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी ने आज जमाअत के कान्फ्रेंस हॉल में आयोजित मासिक प्रेस कान्फ्रेंस में कही।
जमाअत के अमीर ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि देश के पांच राज्यों के चुनावों के दौरान कुछ राजनीतिक लीडरों और स्वंय प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने जिस तरह नफरत और भेदभावपूर्ण बयान दिये हैं] उससे न केवल लोकतंत्र का दमन हुआ है] बल्कि शासनिक पद और उसकी गरिमा भी धूमिल हुई है और पूरी दुनिया में देश की छवि बिगड़ी है। उन्होंने याद दिलाया कि चुनाव से पहले सर्वोच्च न्यायालय ने धर्म और जात-पात के इस्तेमाल को दंडनीय करार दिया था। लेकिन राजनीतिक लीडरों ने अपने भड़काऊ भाषणों के द्वारा न केवल देश की सामाजिक संरचना को बिखेरने में लगे रहे] बल्कि कब्रिस्तान- श्मशान और रमज़ान-दिवाली के नाम पर उन्होंने चुनावों को साम्प्रदायिकता के आधार पर प्रेरित करने का प्रयास किया जो एक लोकतांत्रिक देश के लिए हानिकारक है। मौलाना उमरी ने कहा कि जमाअत इस्लामी हिन्द चुनाव आयोग से मांग करती है कि देश के विभिन्न वर्गों के बीच नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे ताकि लोकतंत्र की सुरक्षा और अस्तित्व को विश्वसनीय बनाया जा सके। जमाअत इस्लामी हिन्द अपशब्द और एक दूसरे पर कीचड़ उछालने की राजनीति पर भी लगाम लगाने की मांग करती है।
इस अवसर पर जमाअत अध्यक्ष ने शिक्षण संस्थानों (कॉलेजों और विष्वविद्यालय कैंपसों) में फॉसिवादी ताकतों के बढ़ते प्रभावों पर अत्यंत चिंता प्रकट किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कालेज में बीजेपी छात्र संगठन एबीवीपी के सदस्यों ने जिस तरह छात्रों] अध्यापकों और पत्रकारों के खिलाफ हिंसात्मक व्यवहार किया और उनका अपमान किया अत्यंत निन्दनीय और चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस और पत्रकारों के अतिरिक्त सैकड़ो छात्रों के सामने उन लोगों ने जिस तरह अपने नापाक इरादों को पूरा करने की कोशिश की] जमाअत का विचार है कि इन नापाक हरकतों के लिए उन्हें अपने सियासी आकाओं का संरक्षण प्राप्त है। जिस कारण उन्हें प्रशासन और कानून का कोई भय नहीं है और वे बेखौफ और योजनाबद्ध तरीके से इन घिनौने हरकतों को अंजाम दे रहे हैं।मौलाना ने पत्रकारों को याद दिलाते हुए कहा कि ये वही तत्व हैं जिन्होंने होनहार छात्र नजीब को गायब किया और शोधार्थी छात्र रोहित वेमूला को आत्महत्या पर मजबूर किया। इसके अतिरिक्त भी कई शिक्षण संस्थानों में उत्पीड़न और हिंसा का रास्ता अपनाकर अभिव्यक्ति की आजादी जैसे मौलिक अधिकारों पर रोक लगाने के प्रयास किये गये हैं। मौलाना उमरी ने छात्रों] नौजवानों और सिविल सोसायटी से अपील की कि वे देश और उसके सांस्कृतिक धरोहरों] शैक्षिक केंद्रों की स्वायत्तता] धर्मनिर्पेक्षता के अस्तित्व और अभिव्यक्ति की आजादी की सुरक्षा के लिए संयुक्त मोर्चा बना कर फॉसिवादी शक्तियों के खिलाफ लामबंद हों ताकि देश शान्ति और न्याय के साथ विकासोन्मुख हो सके।

जल्द आरम्भ होगा उर्दू में भी तकनिकी ऐवम उच्चतर शिक्षा। 
जमाअत इस्लामी हिन्द के महासचिव मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नीट (मेडीकल प्रवेश परीक्षा) में उर्दू भाषा को अनिवार्य रूप से शामिल किये जाने का जमाअत इस्लामी हिन्द मांग करती है।विगत दिनों जमाअत का छात्र विंग स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेषन ने इस को लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कल केंदीय सरकार और मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। सलीम इंजीनियर ने विश्वास के साथ कहा कि हमें जरूर कामयाबी मिलेगी और नीट में उर्दू भाषा को जरूर शामिल कर लिया जाएगा। उन्होंने हैरत जताई कि उर्दू जो कि देश में छठी सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है (जैसा कि हाल में किये गए सर्वे में इसका खुलासा किया गया है] साथ ही भारतीय संविधान के आठवें अध्याय में इसमें शामिल भी किया गया है) को इससे बाहर कर दिया गया उन्होंने कहा कि जमाअत इस्लामी हिन्द सरकार से मांग करती है कि वह अपने फैसले की समीक्षा करे और टेस्ट में उर्दू को भी शामिल करे नहीं तो यह आरोप साबित हो जाएगा कि केंद्रीय सरकार अल्पसंख्यक विरोधी है। 

अमेरिका में बढ़ते नस्ली भेद भाव को लेकर जमात इस्लामी हिन्द चिंतित।  
जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष नुसरत अली ने प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जमाअत अमरीका में बढ़ते हुए नस्ली भेदभाव को लेकर अपनी चिंता प्रकट की है। उन्होंने कहा कि जिस देश की पहचान ही सहिष्णुता और पारस्परिक प्रेम हो वहां इस तरह की घटना का होना अत्यंत चिंता का कारण है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस नफरत भरी सियासत से अपनी मुहिम का आगाज किया था आज उसके विनाशकारी परिणाम सामने आ रहे हैं। भारतीय मूल के इंजीनियर श्रीनिवास को एक अमरिकी नागरिक ने 22 फरवरी को कंसास में बेरहमी से यह कहते हूए गोली मार दी थी कि वह उसे अपने देश में देखना पसंद नहीं करता है। जमाअत इस्लामी हिन्द मृतक श्रीनिवास के परिजनों के साथ सहानुभूति प्रकट करती है और भारत सरकार से अपील करती है कि उनके परिवार वालों को यथासंभव सहयोग दें।
नुसरत अली ने संवाददाता को बताया कि अमरीका से एक चिंताजनक खबर मिली है कि साम्प्रदायिक प्रवृत्ति के कुछ लोगों ने यहूदियों के एक कब्रिस्तान में घुस कर तोड़-फोड़ की है। हम अमरिकी प्रशासन से अपील करते हैं कि वह इस घटना के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे और तमाम वर्गों की सुरक्षा को विश्वसनीय बनाये।  उन्होंने कहा कि जमाअत इस्लामी हिन्द का विचार है कि राष्ट्रपति ट्रंप के नफरत भरे बयानों] उनकी सरकार की आप्रवासन नीति और सात मुस्लिम देशों के आप्रवासियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाले उनके हालिया शासकीय आदेश ने नस्ली भेदभाव को हवा दी है और यह स्वंय अमरीका के लिए बेहतर नहीं है। इससे पूरी दुनिया में नस्ली भेदभाव में इजाफा हुआ होगा] जो विश्व  शांति के लिए हानिकारक है। इसलिए अमरीकी सरकार को अपनी आप्रवासन नीति और उस आदेश पर नये सिरे से विचार करना चाहिए।


मौलाना उमरी ने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अग्रणी नेता, पूर्व सांसद और ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत के पूर्व अध्यक्ष सैयद शहाबुद्दीन के मृत्यु पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि हम ने एक दीर्घानुभवी और बेबाक कौम और देश के सेवक को खो दिए हैं ।



AINA INDIA at 11:34 PM No comments:
Share
‹
›
Home
View web version

About Me

My photo
AINA INDIA
"Social Information Of India." It is a awareness program for general mass. This is a completely social and currants affairs News from ruler sectors and urban sectors,we are continue coverage to mostly ruler area . Now very biggest problem in interior areas ,into ruler sectors. 1- There are suffering purples for water problem 2- Electricity problem,dynamic traffic problem 3- Officially corruption,does through to Govt-Employs and agent.
View my complete profile
Powered by Blogger.