Thursday, August 4, 2016

कांग्रेस को अब गड्ढे याद आरहे हैं ? Blogger by S.Z.Mallick(Journalist cum Social Activtst)


यदि वरुण गाँधी भी इस समय कांग्रेस के साथ आ जाते हैं तो फिर कांग्रेस और भारत दोनों को ही सही वारिस मिल जाएगा।   

 

एस.ज़ेड.मलिक (पत्रकार)
उत्तरी पश्चमी दिल्ली - के प्रीतमपूरा एमटीएनएल के दफ्तर के समीप मॉल के सामने वेस्ट इन्क्लेव रानी बाग रोड पर कुछ कांग्रेसी नेताओं को नारा लगते हुए देखा तो मै अपने दफ्तर जाने के बजाये उन्हें देखने और सुनने के लिए बस से उतर गया, पुरानी आदत और कांग्रेसियों की पुरानी परंपरा को दुहराते हुए देखते देखते अब आदत सी पद गयी है। चमन लाल इस क्षेत्र के पुराने कांग्रेसी एक संजय जो इस क्षेत्र का सक्रिय युवा कार्यकर्ता और इसके अलावा 15 - 20  कार्यकर्ता जो चमन लाल और संजय कुमार युवा कार्यकर्त्ता के हितैषी ही होंगे, ये सभी इकट्ठा हो कर  दिल्ली की मौजूदा सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे , और सामने गड्ढे में जहाँ सबवे पर थोड़ा बरसात का पानी जमा था और एमसीडी के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण सीवर का ढक्कन खुला था उस गड्ढे में घडियाल के दो खुले मुँह रख कर दिल्ली सरकार हाय हाय के नारे लगाए जा रहे थे , अब इन कार्यकर्ताओं की बेवकूफी या हटधर्मी कहें की जानभूझ कर दिल्ली सरकार के नाम से हाय हाय किये जारहा है - जब की दोषी एमसीडी है - और एमसीडी में भाजपा का वर्चस्व है , बाहर हाल आज इन्हें सड़कों पर गड्ढा और जमा हुआ पानी दिखाई दे रहा है। जब यह सत्ता में थे तो इन्हें उस समय न तो गड्ढा दिखाए दिया और न ही भ्रष्टाचार समझ में आया जिस के कारण आज इन्हें सत्ता से बेदखल होना पड़ा।  
काश की यह समझ पाते जनता को एक दिन के लिए इस भारत में लोकतंत्र के इस्तेमाल का अधिकार दिया गया है इसी एक दिन का जनता अपने अधिकार का उपयोग करती है और पांच वर्षों तक भ्रष्टाचारियों के दमन और अत्याचार सहन करते करते ऊब जाती है और उन्हें मजबूरन विकल्प तलाशना पड़ता है और फिर अपने मताधिकार का उपयोग करने का जो अवसर सरकार देती है उसका सही उपयोग उसीदिन कर के भरष्ट सत्ताधारियों को सत्ता से बहार का रास्ता दिखा देती है।  काश ! कि समझ पाते और कांग्रस की बागडोर आरएसएस के हितैषियों के हाँथ न सौंपते तो आज यह दिन देखने को मिलता - काश ! कि यह समझपाते की सरकार को बदनाम करने के लिए  विरोधी हर हरबा इस्तेमाल करते हैं और उन विरोधियों का खुल कर साथकुछ  कांग्रेसी ही देते हैं जिन के कारण उनका हौसला बुलंद हो जाता है और वह सरकार को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते और नतीजा उनके सामने है। आज भाजपा की हरकतों से आम जनता ऊब चुकी है। जनता आने वाले चुनाव की प्रतीक्षा कर रही है , भारत की 70 % जनता दंगा फसाद साम्प्रदायिकता नहीं चाहती शांति  चाहती है , 30 % में 10 %  लोग रॉन्ग पॉलिसीय मेकर हैं और 20 % लोग ही उस पॉलिसीय को ज़बरदस्ती लागू भी करते हैं और उसका गलत तरीके से इस्तेमाल भी करवारते हैं। और कांग्रेस ने इन 30 % की गुरु बन कर इनको अपनी छत्रछाया में पलटी पोस्ती रही। 
1947 के बाद स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू और फिर उनके बाद स्वर्गीय इंद्रागाँधी तक किसी जंगसंघ या कोई भी साम्प्रदायिक संगठन ने उनके सामने आने की हिम्मत नहीं की इंद्रागाँधी की हत्या के बाद जैसे कांग्रेसी के कुछ लोग भी प्रतीक्षा कर रहे थे की कब कांग्रेस के टुकड़े करने का मौका मिले और कांग्रेस को टुकड़े टुकड़े करदें। और वह धीरे धीरे कांग्रेस को दीमक की तरह कुछ तो चाट कर हजम कर गए और कुछ ने अलग अलग खेमे में बाँट दिया।  राजीव गाँधी ही हत्या के बाद जैसे कांग्रेस तो मानो समाप्त ही हो गयी।  अब राजीव के दोनों बच्चों रोहल और प्रियंका के कारण आज कांग्रेस में जान होने का संकेत मिलने लगा है जनता को कुछ इन दोनो से उम्मीदे बंधने लगी है यदि भारत को सही साशन दे सकता है तो सिर्फ कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो भारत को एकता और अखंडता के एक सूत्र में पिरोये रख सकती है।  यह गुण यदि है तो सिर्फ और सिर्फ इंद्रा गाँधी और नेहरू परिवार के सदस्य में ही है।  जो आज कांग्रेस के राहुल और प्रियंका में देखनो मिल रहा है। यदि वरुण गाँधी भी इस समय कांग्रेस के साथ आ जाते हैं तो फिर कांग्रेस और भारत दोनों को ही सही वारिस मिल जाएगा।    
                    

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